खबर शहर , Varanasi: कॉलेज मैनेजमेंट के उत्पीड़न से 200 प्राचार्य ने दिया इस्तीफा, कैबिनेट मंत्री ने दिया ये आश्वासन – INA
सर्किट हाउस में बुधवार को कॉलेजों के प्राचार्य, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और कार्यपरिषद के सदस्यों ने उच्च शिक्षा कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय से मुलाकात की। प्राचार्य परिषद के प्रदेश महामंत्री प्रो. उदयन मिश्र ने कहा कि कॉलेज मैनेजमेंट के लगातार उत्पीड़न की वजह से 200 नव नियुक्त प्राचार्यों ने इस्तीफा दे दिया। इसे रोकने के लिए यूनिवर्सिटी एक्ट 1973 में संशोधन जरूरी है। प्राचार्यों की सेवा शर्तों की स्पष्ट नीति बने।
प्राचार्य परिषद के अनुसार, मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि प्राचार्यों के इन मसलों पर शासन स्तर की एक बैठक रखी जाएगी। कॉलेजों में खाली पड़े चतुर्थ वर्ग के पदों को भरने के लिए आउटसोर्सिंग कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि डिमांड भेजिए, शासन से बजट तैयार कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने परीक्षा के दिनों में भी कमी लाने की बात कही, ताकि छात्रों को पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिल सके।
गेस्ट लेक्चरर को मिले यूजीसी वाला मानदेय
कार्यपरिषद के सदस्यों ने मंत्री से उच्च शिक्षा परिषद का अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग उठाते हुए उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा। इसके अलावा, नेट की तर्ज पर राज्यस्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा, शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाने, गेस्ट लेक्चरर को यूजीसी के सर्कुलर के अनुसार मानदेय देने की बात कही।
मानदेय शिक्षकों को मिले प्रमोशन
डॉ. दीनानाथ सिंह ने मंत्री से कहा कि विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक अधिकारियों को यूजीसी वेतनमान देने, कॉलेजों में कार्यरत संविदा और मानदेय शिक्षकों को प्रमोशन देने की व्यवस्था हो। दूसरी ओर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ देने के साथ अनुदानित कॉलेजों के सेल्फ फाइनेंस शिक्षकों की सेवा को परमानेंट करने की बातचीत हुई। इस प्रतिनिधिमिंडल में उच्च शिक्षा प्रभारी प्रो. उदयन और कई प्रोफेसर थे।