खबर शहर , UP: अनाज घोटाले में साक्ष्य तलाश रही सीबीसीआईडी, आधार कार्ड नंबर से सेंधमारी…ऐसे डाला गरीबों के हक पर डाका – INA

उत्तर प्रदेश के 34 जिलों में वर्ष 2018 में करोड़ों का राशन घोटाला सामने आया था। ई-पास मशीन के साॅफ्टवेयर में फर्जी आधार कार्ड नंबर से सेंधमारी करके गरीबों के हक पर डाका डाला गया। घोटाले से जुड़े 14 मुकदमों की जांच सीबीसीआईडी आगरा सेक्टर की टीम ने तेज कर दी है। बृहस्पतिवार को टीम ने गाजियाबाद और गाैतमबुद्ध नगर में जांच की। कोटेदारों को दी गईं ई-पास मशीनों की तलाश की जा रही है। मशीनों को बरामद करने के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जाएगा।

सितंबर 2018 में जांच पहले स्पेशल टास्क फोर्स के पास थी। 140 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। बाद में कई जिलों के 132 मुकदमों की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को भेजी गई। 6 महीने पहले यह विवेचना मेरठ, आगरा और बरेली सीबीसीआईडी को दी गई है।

 


गाजियाबाद और गाैतमबुद्ध नगर के 14 मुकदमों की विवेचना सीबीसीआईडी आगरा कर रही है। सीबीसीआईडी आगरा के एसपी राजेंद्र सिंह ने बताया कि टीम को भेजा गया है। घोटाला मशीनों में गलत आधार नंबर फीड करने के बाद किया गया था। गरीबों को राशन मिलना चाहिए था। मगर, फर्जी आधार नंबर से कई-कई बार राशन की बंदरबाट की गई। कोटेदारों को दी गईं ई-पास मशीन को टीम बरामद करने के प्रयास में लगी है। इन मशीनों से डाटा रिकवर किया जाएगा। इसके लिए मशीनों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजेंगे। विवेचना जल्द से जल्द पूरी की जाएगी।

 


ऐसे होता है राशन का वितरण
वर्ष 2017 से पहले राशन का वितरण कार्ड के माध्यम से किया जाता था। मगर, बाद में ई पास मशीन से किया जाने लगा। इसमें राशन कार्ड धारक को अपना अंगूठा लगाना होता है। मशीन में आधार कार्ड का नंबर डाला जाता है। एनआईसी के सर्वर पर आधार कार्ड नंबर और अंगूठे का मिलान होने पर कोटेदार राशन का वितरण लाभार्थी को करते हैं। मगर, घोटाला करने वालों ने इस मशीन की प्रक्रिया में सेंधमारी की। इससे गरीबों को राशन नहीं मिल सका।

 


बदल दिए थे आधार कार्ड नंबर

कोटेदारों ने कंप्यूटर जानकार की मदद से लाभार्थियों के आधार कार्ड नंबरों में संशोधन कर दिया। अपने परिचितों के आधार कार्ड नंबर फीड कर दिए। इससे लाभार्थी का नाम हटा दिया गया। इसके जरिये गरीबों के अनाज को निकाल लिया गया। अनाज लेने के बाद असली लाभार्थी के नंबर को फिर से फीड कर दिया जाता था। सीबीसीआईडी तकनीक के माध्यम से घोटाला करने वालों का पर्दाफाश करने के प्रयास में लगी है। मामले में एसटीएफने एक मामले में आरोपपत्र लगाया था। इसमें एक महिला ही गिरफ्तार हुई थी, जिसमें से उसे जमानत मिल गई। हर जिले में 40-45 कोटेदार हैं, जिनकी जांच होनी है।


Credit By Amar Ujala

Back to top button