यूपी – बीएचयू : मानहानि मामले में वैज्ञानिकों ने भारत बायोटेक को लिखा खुला पत्र, बोले- विज्ञान का होगा बड़ा नुकसान – INA
भारत बायोटेक की ओर से बीएचयू के 11 वैज्ञानिकों पर पांच करोड़ रुपये के मानहानि के दावे के बाद वैज्ञानिकों ने खुला पत्र लिखा है। देश के अलग-अलग जगहों से 180 वैज्ञानिकों ने भारत बायोटेक को भेजे पत्र में कहा है कि इस तरह की कार्रवाई से विज्ञान का बड़ा नुकसान हो जाएगा।
वैज्ञानिकों ने इस तरह के वैज्ञानिक मतों को खुले मंच पर व्यक्त करने की बात कही है। इसकी कॉपी आईसीएमआर को भी दी गई है। आईएमएस बीएचयू के प्रो. शंख शुभ्र चक्रवर्ती, डॉ. उपिंदर कौर सहित अन्य लोगों द्वारा किए गए शोध में कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव का मामला सामने आने के बाद आईसीएमआर ने भी नोटिस जारी कर नाराजगी जताई थी। भारत बायोटेक ने बीएचयू के 11 वैज्ञानिकों पर मानहानि का दावा किया है।
अब देश भर से वैज्ञानिक, प्रोफेसर, डॉक्टरों ने भारत बायोटेक को पत्र भेजकर कहा कि किसी मामले में शोध और उसके परिणाम से सहमति और असहमति हो सकती है। ऐसे में मुकदमा करने से भारत में विज्ञान और वैज्ञानिकों को चोट पहुंचेगी। साथ ही यह भी कहा है कि कोवैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन करने वाले उस शोधपत्र के लेखकों के खिलाफ मुकदमा करना अनुचित है। इससे विज्ञान और वैज्ञानिक जगत का नुकसान हो सकता है।
वैज्ञानिकों, सिविल सोसायटी और प्रोफेसरों ने खुले पत्र में कहा कि इतने बड़े स्तर पर वैक्सीन लोगों को लगाई गई है तो फिर क्या कोई इसके इफेक्ट पर कोई स्टडी नहीं कर सकता। वैज्ञानिकों ने अपने पत्र के माध्यम से यह भी दावा किया है कि इस शोध में सावधानी से डेटा कलेक्ट किया गया है। उनका दावा है कि 99 प्रतिशत लोगों को बहुत गंभीर समस्या नहीं थी। वैक्सीन की जांच के लिए एक अलग स्टडी करनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्य से चीजें बहुत अलग दिशा में चली गईं।