यूपी – सफलता: अब डायपर गीला हुआ तो बज उठेगी मोबाइल की घंटी… छात्रों ने तैयार की ये डिवाइस; सेंसर से जाएगा संदेश – INA

अब डाइपर गीला हुआ तो फोन में घंटी बजेगी। मेरठ यूनिवर्सिटी की विद्यार्थी शालिनी राणा, हर्ष और वंश ने स्मार्ट डाइपर इंडिकेटर सेंसर डिवाइस तैयार की है। उन्होंने इस डिवाइस का प्रदर्शन दूसरे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में किया। 

हर्ष ने बताया, इसके बाजार में आते ही बच्चों और बुजुर्गों के परिजनों को काफी सुविधा हो जाएगी। डाइपर गीला होने पर यह संदेश भेज देगी। यदि कई बार भेजे गए संदेश के बाद भी डाइपर नहीं बदला गया तो संबंधित के पास फोन आ जाएगा। 

डिवाइस आईओटी बेस है। वाईफाई और ब्लूट्रूथ से संचालित होती है। सिलिकॉन से डिवाइस को कवर किया गया है। नवंबर में बाजार में यह लांच हो जाएगी। इसकी बाजार वेल्यू 200 रुपये होगी।  

इस डिवाइस का सबसे अधिक फायदा कामकाजी महिलाओं को होगा। वह अपने बच्चों को घरेलू सहायिका के भरोसे छोड़ जाती हैं। कई बार घरेलू सहायिका काम में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि वह बच्चे का डाइपर ही बदलना भूल जाती हैं, ऐसा होने पर मां के पास संदेश पहुंच जाएगा। 

 


एमएसएमई विभाग से मिले साढ़े 18 लाख रुपये
शालिनी राणा और वंश ने बताया कि उन्हें इसके लिए एमएसएमई विभाग से साढ़े 18 लाख रुपये मिले हैं। इसके लिए पेटेंट भी मिल चुका है। यह डिवाइस पीएच वेल्यू तक बता देगी। इस डिवाइस को एक बार ही खरीदना होगा। डिवाइस को बदलने की जरूरत नहीं होगी।
 


यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 5 लाख से अधिक लोग पहुंचे, बना रिकॉर्ड
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के अंतिम दिन इंडिया एक्सपो मार्ट में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पांच दिन चले मेले में रिकॉर्ड पांच लाख से ज्यादा लोग पहुंचे। पिछली बार मेले में पहुंचने वालों की संख्या 3 लाख से अधिक थी। 

 


वहीं, रविवार को कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने मेले के समापन होने की घोषणा की। उन्होंने सफल आयोजन कराने के लिए सभी को बधाई दी। मौके पर अलग-अलग समूहों तथा हस्तशिल्पियों और मेले में शामिल होने वाली संस्थाओं को सम्मानित किया गया। 

 


इससे पहले कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चल रही विभिन्न योजनाओं जैसे समूह गठन की प्रक्रिया, टेक होम राशन, बीसी सखी, विद्युत सखी एवं बालिनी आदि के संबंध में जानकारी प्राप्त की। समूह द्वारा उत्पादित उत्पादों मसलन मसाले, मुरब्बा, अचार, परिधान, जरी जरदोजी आदि का क्रय भी बड़ी मात्रा में किया गया।
 


Credit By Amar Ujala

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