यूपी – Kanpur: मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की रिपोर्ट देगा आईआईटी का भू परीक्षक-2, अगले साल से बाजार में आएगा – INA

आईआईटी कानपुर की ओर से विकसित मृदा परीक्षक उपकरण भू परीक्षक-2 भी अब मिट्टी के स्वास्थ्य की रिपोर्ट देगा। यह 90 सेकेंड में 12 पोषक तत्वों की जांच करेगा। 2025 में यह उपकरण बाजार में आएगा। इससे पहले आईआईटी कानपुर की ओर से छह पोषक तत्वों की जांच करने वाला भू-परीक्षक-1 तैयार किया गया था। जो कई राज्यों के किसानों को मिट्टी की जांच का लाभ दे रहा है।

बिना मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण कराए खेती-किसानी करने वाले काश्तकारों की अक्सर फसल खराब हो जाती हैं। इसे देखते हुए आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. जयंत कुमार सिंह ने भू-परीक्षक एक और भू-परीक्षक दो उपकरण तैयार किए हैं। भू-परीक्षक एक उपकरण नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, क्ले कंटेंट की जानकारी देता है। यह पहले से ही बाजार में है और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू, महाराष्ट्र के किसानों की मदद कर रहा है। इस डिवाइस की मांग अफ्रीका, फिलीपींस, नेपाल, अफगानिस्तान में भी है।


वहीं, भू-परीक्षक दो उपकरण नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, क्ले कंटेंट के अलावा जिंक, मैग्नीज, कॉपर, सल्फर, बोरॉन और आयरन की भी रिपोर्ट देता है। इससे कौन सी मिट्टी किस फसल के लिए अधिक उपयोगी है, इसकी जांच भी की जा सकेगी। आईआईटी ने कॉमर्शियल उपयोग के लिए भू-परीक्षक-2 की तकनीक का लाइसेंस एक कंपनी को दिया है। भू-परीक्षक एक जहां एक लाख में उपलब्ध है वहीं, भू परीक्षक -2 डेढ़ लाख तक आने का अनुमान है। हालांकि कीमत कंपनी स्वयं तय करती है।

 


ऐसे करता है काम
प्रो. जयंत ने बताया कि ये उपकरण खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य बताते हैं। मिट्टी में क्या कमी है और क्या अधिकता, जिसकी वजह से बेहतर फसल उत्पादन में दिक्कत हो रही है, इसकी ये पूरी रिपोर्ट देते हैं। दो ग्राम मिट्टी की मदद से मौजूद तत्वों की जानकारी मिलेगी। एम्बेडेड मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से सिर्फ 90 सेकंड में रिपोर्ट आएगी। इससे किसान बिना प्रयोगशाला जाए मिट्टी की रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे।


Credit By Amar Ujala

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