खबर शहर , UP: घर में मिली सेवानिवृत्त शिक्षिका की लाश, पांच दिन से किसी ने नहीं देखा था…भाई आया तब हुई जानकारी – INA

आगरा के आवास विकास कॉलोनी में महापौर आवास के सामने अकेली रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका की मौत हो गई। मैनपुरी में रहने वाले परिजन तीन दिन से फोन कर रहे थे लेकिन फोन रिसीव नहीं हो रहा था। शनिवार शाम को मैनपुरी से आए भाई ने पुलिस के सामने दरवाजे का लॉक तुड़वाया। शिक्षिका कमरे में बेड पर मृत मिलीं। पूरे कमरे में दुर्गंध फैली हुई थी। मोहल्ले के लोगों ने 4-5 दिन से बाहर न देखने की बात पुलिस को बताई।

 


सेक्टर 16, सिकंदरा आवास विकास काॅलोनी में रहने वाली विमलेश पाठक (65) सेवानिवृत्त शिक्षिका थीं। शादी के एक वर्ष बाद ही पति से तलाक हो गया था। यहां वह 16 साल से अकेले रह रही थीं। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि काॅलोनी के लोगों से उनकी बातचीत यदा-कदा ही होती थी। काॅलोनी में परचून की दुकान तक ही उनका आना-जाना था। वह घर से बहुत कम ही निकलती थीं।


मायका मैनपुरी जिले के कोतवाली क्षेत्र में है। शनिवार को मैनपुरी से विमलेश के भाई गोपाल कृष्ण पाठक ने पुलिस को फोन किया। बताया कि विमलेश को तीन दिन से कॉल कर रहे हैं, कॉल रिसीव नहीं हो रही है। शाम को आगरा पहुंचे परिजन ने पुलिस के सामने दरवाजे का लॉक तोड़ा। अंदर दुर्गंध फैली थी। विमलेश का शव बेड पर पड़ा था। इंस्पेक्टर सिकंदरा ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण दिल का दौरा पड़ना है।

 


फरह गई थीं 10 दिन पहले
शिक्षिका विमलेश श्रीहंस सत्संग सभा, सिकंदरा से करीब 15 साल से जुड़ी थीं। प्रत्येक रविवार नियमित रूप से सत्संग में शामिल होती थीं। पदाधिकारी विश्वनाथ सिंह भदौरिया ने बताया कि विमलेश आखिरी बार 29 सितंबर को फरह में दीनदयाल धाम में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में शामिल होने गई थीं। इसके बाद से वह सत्संग में नहीं आ रही थीं। वहीं, कॉलोनी के लोगों ने बताया कि उन्होंने विमलेश को 4-5 दिन से बाहर नहीं देखा था।

 


शाहगंज में हुई थी वैज्ञानिक की मौत
शहर में एकाकी रहने वाले कई बुजुर्ग समाज से कटे रहने के कारण बिना इलाज काल के गाल में समा जाते हैं। शाहगंज में पिछले साल एक वैज्ञानिक की मौत हुई थी। घर से दुर्गंध आने पर मौत की जानकारी हो सकी थी। वैज्ञानिक के परिजन विदेश में रहते थे। इसी तरह विजय नगर में भी पिछले दिनों अकेली रहने वाली वृद्धा घर में मृत मिली थीं। दो साल पहले सदर क्षेत्र में अकेली रहने वाली दो बहनों की मौत हो चुकी है। आसपास के लोगों को भनक नहीं लगी थी।

 


ऑपरेशन सवेरा का फायदा नहीं
पुलिस ने अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए ऑपरेशन सवेरा की शुरुआत की थी। लेकिन इसका कोई फायदा बुजुर्गों को नहीं मिल पा रहा है।


Credit By Amar Ujala

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