यूपी – दृष्टिबाधित छात्रों से ये कैसा सुलूक?: सिर्फ इस बात पर बच्चों को स्कूल-हॉस्टल से भी निकाला, जानें पूरी कहानी – INA

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज के छात्रों पर अब और सख्ती शुरू हो गई है। इन छात्रों ने बृहस्पतिवार को डीएम कार्यालय पर मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन किया था। अभद्रता पर 14 छात्र निलंबित कर दिए गए थे। 

बृहस्पतिवार की दोपहर में अचानक 14 छात्रों को निलंबित करते हुए उन्हें तत्काल विद्यालय और हॉस्टल खाली करने का आदेश दे दिया गया। निलंबित किए गए छात्र बिना किसी गार्जियन के अपना सामान लेकर घर के लिए चल दिए। 

बच्चों ने आपस में चंदा कर एक ऑटो तय किया। इसके बाद बस और रेलवे स्टेशन पहुंचकर अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गए। बच्चों की निगरानी के लिए पुलिस लगाई गई थी। बृहस्पतिवार को दृष्टिबाधित छात्र स्कूल में शिक्षकों की कमी, छोटे बच्चों का अटेंडेंट नहीं होने समेत कई मुद्दों को लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे थे। 

उनका कहना था कि वहां एक अफसर बात करने आए थे, लेकिन वे लोग डीएम से मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे। इस पर कर्मचारियों ने दफ्तर का गेट बंद कर दिया। कुछ छात्रों ने अपनी बात रखने के लिए दरवाजा पीटा, जिससे नाराज अफसरों और कर्मचारियों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा। 


कई के पीठ और शरीर पर निशान पड़ गए हैं। पिटाई के बाद सभी को जबरन बस में भरकर विद्यालय भेज दिया गया। शुक्रवार को विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मी शंकर जायसवाल ने विद्यालय के 14 छात्रों को निलंबित कर दिया। 

 


दोपहर बाद छात्रों को विद्यालय और छात्रावास खाली करने के लिए भी कह दिया गया। निकाले गए छात्र वाराणसी, हरदोई, बस्ती, बलिया, सिद्धार्थनगर सहित अन्य जिलों के रहने वाले हैं। विद्यालय से निकले छात्र बहुत देर तक गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बैठे रहे। शाम तक छात्र विभिन्न ट्रेनों से अपने घर के लिए रवाना हुए। 


भइया! प्राइमरी के बच्चों के लिए मांग रहे थे वाशिंग मशीन
छात्रावास में रहने वाले छात्रों को अपना कार्य स्वयं करना होता है। इसके लिए कोई सहायक नहीं है। बड़े छात्र तो अपने कपड़े धो लेते हैं, लेकिन कक्षा एक से पांच में पढ़ने वाले छोटे बच्चे कपड़े नहीं धो पाते। उनकी दिक्कत जानकर बृहस्पतिवार को आंदोलित छात्र प्रशासन से प्राइमरी के बच्चों के लिए वाशिंग मशीन की मांग कर रहे थे। 
 


कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों की मार से खौफजदा छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह तीन वाशिंग मशीन की मांग कर रहे थे। इस पर उनको बेरहमी से पिटाई कर खदेड़ दिया गया। छात्रों ने कहा कि वे बहुत आस लेकर डीएम साहब के दरबार गए थे। लेकिन, उनको मिले सिर्फ आंसू…। 

 


छात्रों का कहना था कि अधिकारियों से अपनी दिक्कत बताने पर वह लिखित प्रार्थना-पत्र देने को कहने के सिवाय कुछ कार्रवाई नहीं करते हैं। विद्यालय में खेल, कंप्यूटर, संगीत सहित अन्य विषयों के शिक्षक नहीं है। हॉस्टल में बिजली-पानी की समस्या रहती है। पानी की टंकी की कोई साफ-सफाई नहीं है। इसकी शिकायत कई बार वार्डन से कर चुके हैं। ब्रेल की किताबें भी सही नहीं होती हैं।


Credit By Amar Ujala

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