यूपी – Khair By Election: सपा की सियासी चाल से खैर सीट पर असमंजस, प्रदेश नेतृत्व की हरी झंडी का इंतजार – INA

इंडी गठबंधन के दो प्रमुख घटक दलों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस को खैर समेत दो ही सीटें दीं हैं। इसमें भी अभी प्रदेश नेतृत्व की हरी झंडी मिलनी बाकी है। ऐसे में सपा की सियासी चाल से खैर सीट पर असमंजस की स्थिति बन गई है।

उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने प्रदेश में कांग्रेस को दो सीटें देकर किनारा कर दिया है। आठ सीटें पर खुद चुनाव लड़ रही है। यदि सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस में मनमुटाव बना रहा तो निश्चित रूप से खैर सीट कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होगी? क्योंकि सपा के कार्यकर्ता खैर में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए दमदारी से नहीं जुटेंगे। फिलहाल दोनों दलों के कार्यकर्ता अभी असमंजस में हैं ।

लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से अखिलेश यादव के तेवर कुछ बदले हुए है। इसलिए प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा ने अपने प्रत्याशी पहले ही उतारने शुरू कर दिए थे। कांग्रेस ने खैर समेत प्रदेश में पांच सीटों की मांग की थी। मगर, सपा सात सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सपा की मनमानी से कांग्रेस के नेताओं में हलचल पैदा हो गई है। इसका असर खैर विधानसभा सीट पर देखने को मिल सकता है। हालांकि, खैर सीट कभी भी सपा के खाते में नहीं रही है।


खैर सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। वर्ष 1967, 1974 और 1980 में खैर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। 2017 और 2022 में भाजपा के अनूप प्रधान ने जीत दर्ज की। लंबे समय से कांग्रेस खैर सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है। इसलिए खैर सीट पर कांग्रेस वर्षों से अपनी खो चुकी जमीन वापस लेने की कोशिश करने में जुटी है।

आपसी रार में फंसी है सीट
भले ही खैर सीट कांग्रेस की झोली में आ गई हो, मगर जिस तरह से कांग्रेस और सपा में आपसी रार मची हुई है उससे दोनों दलों के कार्यकर्ता ऊहापोह में हैं। कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चर्चा है कि सपा ने यदि पांच सीटें नहीं दी तो कांग्रेस प्रदेश की सभी 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। यदि ऐसा होता है तो फिर सपा भी खैर और गाजियाबाद की सीट पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है। इसका प्रभाव फिर खैर सीट पर भी पड़ेगा? इस संबंध में सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने कहा कि टिकट के लिए पार्टी नेताओं ने आवेदन किए हैं। पार्टी जिनको टिकट देगी, उसे मजबूती के साथ लड़ाया जाएगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सोमवीर सिंह ने कहा कि टिकट के लिए तीन लोगों का पैनल शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया गया है।

चुनाव प्रचार को लेकर भी दुविधा
खैर सीट को लेकर कांग्रेस और सपा में चुनाव प्रचार को लेकर भी दुविधा है। यदि कांग्रेस दो सीटों पर ही संतोष कर लेती है तो क्या राहुल गांधी खैर सीट पर अपने प्रत्याशी के प्रचार में आएंगे या फिर गठबंधन धर्म को देखते ही राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों एक साथ खैर विधानसभा क्षेत्र में एक मंच पर दिखेंगे। बहरहाल, अभी सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस और सपा के बीच पक रही खिचड़ी के चलते कम से कम दोनों दलों के कार्यकर्ता असमंजस में जरूर हैं।


Credit By Amar Ujala

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