खबर शहर , जहरीली हुई हवा: फेफड़ों में संक्रमण…सूखी खांसी से बुरा हाल, एसएन मेडिकल कॉलेज के वार्ड हुए फुल – INA

आगरा में हवा में धूल-धुएं की वजह से दमा और सांस रोगियों को मुसीबत हो रही है। फेफड़ो में संक्रमण मिल रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज में बीते सप्ताह से 50 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं। गंभीर मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन देना पड़ रहा है। इससे वार्ड फुल हो गए हैं।

वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि ओपीडी में रोजाना औसतन 320 मरीज आ रहे हैं। इनमें से 150-170 मरीज दमा और सांस रोगी हैं। दिवाली पर घरों में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई, निर्माण कार्य और बाजारों में वाहनों की भीड़ से दिक्कत बढ़ी है। सामान्य दिनों के मुकाबले प्रदूषण का स्तर अधिक है।

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हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड समेत अन्य गैसों की प्रतिशतता अधिक होने से ये सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। संक्रमण हो रहा है। सांस उखड़ रही है। रोजाना 5 से 8 मरीज भर्ती हो रहे हैं। इससे 35 बेड का वार्ड फुल हो गया है। इनमें से 3-5 मरीजों को ऑक्सीजन देनी पड़ रही है। यही हाल रहा तो अगले 10 से 15 दिन में स्थिति और बिगड़ने वाली है।

सामान्य लोगों को एलर्जी

मेडिसिन विभाग के डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि हवा में प्रदूषण अधिक होने से स्वस्थ लोगों को भी नाक की एलर्जी, सूखी खांसी, खराश, आंखों में जलन, करकराहट की परेशानी मिल रही है। लोगों को बार-बार छींक आ रही है। खासतौर से कामकाजी लोग और सड़क किनारे रहने वाले लोग और दुकानदारों की संख्या अधिक है।

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इन बातों का रखें ध्यान:

– पुताई-रंगाई वाले कमरे में दमा-सांस रोगी 4-5 दिन सोने से बचें।

– सड़क किनारे वाले घर और दुकानदार गेट पर पर्दा लगाएं। शीश लगाएं।

– सफाई के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें, कचरे को न जलाएं।

– आसपास छिड़काव करें, बेहद जरूरी होने पर ही सुबह-शाम बाहर जाएं।

– दवाएं बंद न करें, इन्हेलर की डोज बढ़वाएं, खुद से एंटीबायोटिक दवाएं न लें।


Credit By Amar Ujala

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