यूपी – Kanpur: चिड़ियाघर के आसपास बढ़ा शोर, अब साइलेंस जोन बनाने की तैयारी – INA
चिड़ियाघर के आसपास 100 मीटर का दायरा शांत क्षेत्र (साइलेंस जोन) घोषित होगा। इसके लिए चिड़ियाघर प्रबंधन शासन को पत्र भेजेगा। चिड़ियाघर निदेशक के मुताबिक परिसर के आसपास के क्षेत्र में शोरशराबा बढ़ने से वन्य जीवों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। निदेशक केके सिंह के मुताबिक चिड़ियाघर परिक्षेत्र के चारों ओर बीते एक दशक में कई विकास कार्य हुए हैं। बड़ी संख्या में नई सोसाइटियां और भवन बने हैं। इससे मानवीय हलचल भी बढ़ी है।
इसका वन्य जीवों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। दीपावली में अपील के बावजूद आसपास की आबादी के लोगों ने तेज आवाज के पटाखे फोड़े। आबादी क्षेत्र में देर रात तक चलने वाले समारोहों में डीजे पर गाने बजते हैं। यह सभी चीजें जानवरों को प्रभावित करती हैं। परेशान जानवर अक्सर खुद को चोटिल कर बैठते हैं। वन्य जीवों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शासन को पत्र लिखकर परिक्षेत्र के 100 मीटर की रेंज में साइलेंस जोन घोषित कराने का प्रयास है। अभी तक कभी चिड़ियाघर के आसपास साइलेंस जोन नहीं रहा है। संबंधित अधिकारी को पत्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही प्रक्रिया पूरी करते हुए शासन को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की जाएगी।
यूं परेशान होते जानवर
सीवीओ डॉ. अनुराग सिंह के मुताबिक शोर से पशुओं पर निम्नलिखित दुष्प्रभाव पड़ते हैं
– अत्यधिक शोर से पशु हिंसक होते हैं।
– यह मेटिंग प्रक्रिया पर असर डालता है, जिससे प्रजनन प्रभावित होता है।
– चिड़चिड़ापन आता है, वह खाना-पीना छोड़ देते हैं।
– डीजे, पटाखे आदि की आवाज सुनकर वह पिंजड़े में ही आक्रामक होकर खुद को चोटिल कर बैठते हैं।
– तेज ध्वनि से जानवरों का रक्तचाप बढ़ता और हृदयगति पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
– जानवरों के व्यवहार में आमूलचूल परिवर्तन आता है। शांत जानवर भी कटखना बन जाता है।
बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के चलते चिड़ियाघर परिक्षेत्र के 100 मीटर के दायरे को साइलेंस जोन (शांत क्षेत्र) घोषित कराने का प्रयास है। संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। शासन को पत्र लिखकर जल्द कार्रवाई की मांग की जाएगी। – केके सिंह, निदेशक, चिड़ियाघर