यूपी – भूमि अधिग्रहण घोटाला: पीडब्ल्यूडी के दो और अभियंताओं पर कार्रवाई के आदेश, अब तक पांच हो चुके हैं निलंबित – INA

बरेली-सितारगंज हाईवे की परिसंपत्तियों के दोषपूर्ण मूल्यांकन का सत्यापन करने पर पीडब्ल्यूडी के दो और अभियंताओं पर अब कार्रवाई होगी। शासन ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है। जिन दो अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की शुरू की गई है, उनमें पीलीभीत स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड में सेवारत रहे अधिशासी अभियंता उदय नारायण तथा सहायक अभियंता सुरेंद्र सिंह शामिल हैं। 

उदय नारायण लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय के लिए स्थानांतरित हो चुके हैं। उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवा नियमावली-1999 के तहत कार्रवाई होगी। सहायक अभियंता सुरेंद्र कुमार पर पर्यवेक्षण में उदासीनता का आरोप है। वह सेवानिवृत्त हो गए हैं और उनके खिलाफ सीआरएस के अनुच्छेद 351 ए के तहत कार्रवाई होगी। 

शासन ने मुख्य अभियंता अजय कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त करने के लिए पांच नवंबर को आदेश जारी किए थे। मुख्य अभियंता ने आदेश प्राप्त होने की पुष्टि की है। मुख्य अभियंता परिवाद राजीव कुमार के आदेश पर अब बरेली के मुख्य अभियंता आरोप पत्र तैयार कराएंगे। जवाब लेने के बाद शासन को अवगत कराएंगे।


यह हैं आरोप
परिसंपत्तियों के मूल्यांकन और सत्यापन के वक्त उदय नारायण लोक निर्माण विभाग के पीलीभीत स्थित प्रांतीय खंड में अधिशासी अभियंता थे। हुसैननगर के गाटा संख्या 145, 146,185, उगनपुर के गाटा संख्या 78, सरदारनगर के गाटा संख्या 32 और मुंडलिया गौसू के गाटा संख्या 41, ग्राम अमरिया के गाटा संख्या 84, 86 और 230, हेमंतडांडी के गाटा संख्या 125, भैंसहा के गाटा संख्या 211 व शाही के गाटा संख्या 780 पर स्थित परिसंपत्तियों के दोष पूर्ण मूल्यांकन के सत्यापन का आरोप है। सुरेंद्र कुमार भी उस वक्त पीलीभीत में ही प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता हुआ करते थे। उन पर भी यही आरोप हैं।

लोक निर्माण विभाग के चार अभियंता और अमीन हो चुके निलंबित
एनएचएआई के दोषपूर्ण मूल्यांकन के सत्यपान के लिए आरोपों से घिरने पर लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड बरेली के तत्कालीन सहायक अभियंता स्नेहलता श्रीवास्तव, अवर अभियंता राकेश कुमार, अंकित सक्सेना, सुरेंद्र सिंह व अमीन निलंबित किए जा चुके हैं। तत्कालीन अधिशासी अभियंता नारायण सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। चार सेवारत और एक सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता के साथ सेवारत अमीन शिवशंकर के खिलाफ आरोप पत्र तैयार हो रहा है, जो एक दो दिन में इन्हें दिया जाएगा। अवर अभियंता निलंबन आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए थे। उनकी बहाली का आदेश हो चुका है।


क्या था घोटाला
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बरेली-सितारगंज हाईवे को टू से फोर लेन कर रहा है। दो साल से जमीन अधिग्रहण चल रहा है। अधिग्रहण के दौरान मुआवजा देने के लिए एनएचएआई द्वारा नियुक्त आउटसोर्स एजेंसी और मूल्यांकनकर्ता ने दोषपूर्ण मूल्यांकन किया। इसी मूल्यांकन के सत्यापन की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं की थी। अभियंताओं ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। इससे राजकोष को चूना लगा। मंडलायुक्त ने जांच कराई तो पीडब्ल्यूडी पीलीभीत के अभियंता भी जिम्मेदार पाए गए थे। इसका संज्ञान लेने के बाद राज्यपाल ने विभागीय कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी दी है।


Credit By Amar Ujala

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