यूपी- झांसी हादसा: कैसे लगी NICU में आग, कौन है 10 बच्चों की मौत का जिम्मेदार? हाईपॉवर कमेटी सात दिन में करेगी जांच – INA
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने से 10 बच्चों की मौत को लेकर सरकार गंभीर है. इस हादसे के बाद एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों की जांच के आदेश दिए हैं, वहीं इस हादसे की जांच के लिए हाई पॉवर कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी एक सप्ताह में अपनी जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट देगी. वैसे तो जांच के लिए कई बिंदु दिए गए हैं, लेकिन मुख्य रूप से कमेटी को यह पता करना है कि एनआईसीयू वार्ड में आग कैसे लगी और इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है?
कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद सरकार की ओर से जरूरी कार्रवाई होगी. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इन्होंने खुद अपने स्तर पर मामले की जांच पड़ताल के बाद कमेटी गठित करने का ऐलान किया. इस कमेटी की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक किंजल सिंह करेंगे. उनके साथ कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (स्वास्थ्य) और अपर निदेशक विद्युत एवं अग्निशमन महानिदेशक द्वारा नामित अधिकारी भी रहेंगे.
रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एक्शन
उपमुख्यमंत्री के मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी की पहचान होगी और उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इसके साथ ही हादसे के कारण स्पष्ट होने के बाद किसी अन्य अस्पताल या प्रतिष्ठान में इस तरह की खामी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस हादसे में जख्मी बच्चों के समुचित उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. इसमें आने वाला पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. बता दें कि शुक्रवार की रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई थी. इस हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई थी. वहीं 30 से अधिक बच्चे बुरी तरह झुलस गए हैं. हादसे के वक्त इस वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे.
सभी अस्पतालों में सिक्योरिटी चेक के आदेश
झांसी हादसे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी अस्पतालों में सिक्योरिटी चेक के आदेश दिए हैं. इस आदेश के तहत सभी अस्पतालों में आग की घटना को रोकने, आग लगने की स्थिति बचाव करने एवं अन्य इमरजेंसी इंतजामों की जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए सभी जिलों फायर सेफ्टी अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है. शनिवार को ज्यादातर अस्पतालों में फायर सेफ्टी अफसरों ने जांच भी की है. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन को खामियों के बारे में अवगत कराया गया है. इस संबंध में सभी जिलों से कंपाइल रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी.
मृत बच्चों के परिजनों को मिलेगी आर्थिक सहायता
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे में मृत बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. इसी प्रकार हादसे में झुलसे और जख्मी बच्चों के परिजनों के लिए 50 हजार रुपये सहायता राशि के अलावा सरकारी खर्चे पर संपूर्ण इलाज कराने की घोषणा की गई है. इसी प्रकार केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी.
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