यूपी- 48 साल पहले भी हिंसा में जला था संभल, एक महीने तक लगा रहा कर्फ्यू, CM को आना पड़ा था शहर में – INA

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल हो गया. लाठीचार्ज, पथराव और आगजनी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बवाल ने 48 साल पहले हुए दंगे की यादें ताजा कर दी. साल 1976 में संभल में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था. एक महीने से ज्यादा समय तक यहां कर्फ्यू लगा रहा. हालात को काबू करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को संभल आना पड़ा था.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित संभल में 28 फरवरी 1976 को सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी. शाही जामा मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद शहर दंगे की चपेट में आ गया था. इमाम की हत्या दूसरे समुदाय के युवक ने की थी. जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए. शहर में आगजनी, तोड़फोड़ और बवाल हुआ. हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा था. रविवार को हुई घटना के बाद फिर से वही मंजर यहां के बुजुर्गों की आंखों में घूम रहा है.

शाही जामा मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद बिगड़े थे हालात

शहर के बुजुर्ग बताते हैं कि साल 1976 की 28 फरवरी की सुबह फज्र की नमाज पढ़ने के लिए नमाजी शाही जामा मस्जिद पहुंचे. वहां मस्जिद के इमाम का खून से लथपथ शव मिलने से सनसनी फैल गई. नमाजियों की भीड़ ने मौके से हत्या करने वाले आरोपी को पकड़ लिया. वह दूसरे समुदाय से था. उसके बाद लोग भड़क गए और बवाल हो गया. कुछ ही देर में यह खबर पूरे संभल में फैल गई. घटना के बाद शहर में दंगा शुरू हो गया. लोग आगजनी और तोड़फोड़ पर उतर आए. स्थिति को संभालने के लिए पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए.

तत्कालीन मुख्यमंत्री पहुंचे थे संभल

हालत बेकाबू होने पर जिला प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू घोषित कर दिया. लेकिन इस बीच रह-रहकर हिंसात्मक घटनाएं होती रहीं. यह कर्फ्यू एक महीने से ज्यादा समय तक लगा रहा. तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव खुद हालात को संभालने के लिए संभल पहुंचे. उन्होंने लोगों से अमन चैन कायम करने की अपील की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर लोग शांत हुए. जिसके बाद प्रशासन ने धीरे-धीरे कर्फ्यू में ढील देना शुरू किया. करीब एक महीने बाद शहर से पूरी तरह कर्फ्यू हटाया गया. उसी समय से सुरक्षा की दृष्टि से शाही जामा मस्जिद के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई थी.

48 साल बाद फिर से सुलगा संभल

48 साल बाद फिर से संभल में हालात बेकाबू हो गए. रविवार को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान संभल में बवाल हो गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. फायरिंग की घटना भी हुई. हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने अश्रु गैस के गोले दागे. पुलिस फायरिंग की कई वीडियो फुटेज भी सामने आए हैं. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई. इनमें दो लोगों की गोली और एक की गंभीर चोट लगने से मौत होना बताया जा रहा है. मृतकों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस फायरिंग में उनके बच्चों की मौत हुई है. वहीं, पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है. संभल में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.


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