यूपी- लखनऊ: ई-रिक्शा में सफर करना हुआ महंगा, सरकार ने बढ़ाए रेट – INA
ई-रिक्शा का सफर लोगों के जीवन में मुख्य परिवहन का साधन बनता जा रहा है. इसके चलने से लोगों के समय में काफी बचत होने लगी है. सामान्य रिक्शों की तुलना में ई-रिक्शा बैठकर सफर करना बेहद आरामदायक है, लेकिन सरकार ने अब लोगों के ई-रिक्शा में बैठना मुश्लिक कर दिया है. जहां पहले प्रति किलोमीटर ई-रिक्शा का किराया 5 रुपये प्रति किलोमीटर था अब इसे बढ़ाकर 8.30 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है.
ई-रिक्शा लोगों के जीवन के लिए बेहद जरूर परिवहन का साधन बनता जा रहा है. लोगों को बेहतर और सस्ती सुविधा देने के लिए ई-रिक्शा का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ में ई-रिक्शा का किराया बढ़ा दिया है. अब लोगों का ई-रिक्शा में सफर करना पहले के मुकाबले काफी महंगा हो गया है. सरकार के इस फैसले का असर सीधे लोगों के जीवन में पढ़ने वाला है. इस संबंध प्रमुख सचिव ने परिवहन विभाग के आयुक्त समेत कई अधिकारियों को पत्र लिखा है.
8.30 रुपये प्रति किलोमीटर हुआ ई-रिक्शा का किराया
प्रमुख सचिव ने एक अधिसूचना जारी किया है, जिसमें उन्होंने बढ़े हुए किराए की जानकारी दी है. अधिसूचना में ई-रिक्शा का अधिकतम प्रति किलोमीटर किराया 8.30 रुपये तय करने की बात लिखी हुई है. इस फैसले से जहां एक तरफ रिक्शा चालकों की मौज आने वाली है. वहीं, दूसरी तरफ लखनऊ में रहने वालों आम लोगों के लिए इसका सफर पहले के मुकाबले और मुश्किल हो जाएगा. अधिसूचना में जानकारी दी गई है कि मार्च 2024 तक पूरे प्रदेश में करीब पौने छह लाख ई-रिक्शा पंजीकृत थे. अब इनकी संख्या और ज्यादा बढ़ चुकी है.
पहले कितना था किराया?
उत्तर प्रदेश में बहुत से रिक्शे बिना पंजीकरण के धड़ल्ले से सड़क पर घूम रहे हैं. परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 67 की उपधारा एक के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया गया है. राज्य परिवहन प्राधिकरण का ठेका गाड़ी के रूप में संचालित होने वाले ई-रिक्शा का अधिकतम किराया 8.30 रुपये प्रति किलोमीटर तय कर दिया है, जो पहले 5 रुपये प्रति किलोमीटर था. हालांकि, सरकार की तरफ से यह किराया तय नहीं था.
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