कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि यूपी में छह कृषि विश्वविद्यालय हैं और दो खुलने वाले हैं। यूपी के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की तादाद काफी है। दो अन्य कृषि विश्वविद्यालय खुलने से नवीन तकनीकों के साथ वैज्ञानिकों के प्रयासों से टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बढ़ने के अवसर मिलेंगे। कृषि मंत्री ने कांग्रेस में लगे 30 बीज सहित कृषि के विभिन्न उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया।
उधर, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि हरित क्रांति से हमने गेहूं, चावल और दलहन में सफलता पा ली है। मगर, तिलहन में अब भी चुनौतियां हैं। इस चुनौती से पार पाने के लिए उत्तम किस्म के बीज बहुत जरूरी हैं। इसके लिए बीज में अनुसंधान कर किसानों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। अच्छी किस्म के बीज तैयार करने के लिए लैब की संख्या बढ़ाई जा रही है। इस सम्मेलन में उन्नत बीज की जो तकनीक निकलकर सामने आएगी, उसे योजनाओं से जोड़कर अमल में लाया जाएगा।
किसानों को हर हाल में अच्छी गुणवत्ता की खाद, बीज और कीटनाशक मिले
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बीज पर वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय और बीज निर्माता कंपनियां मिलकर कार्य करें। हमें इनकी प्रतिभा, ज्ञान और विद्वता का लाभ उठाना होगा और अच्छे बीज का उत्पादन बढ़ाना होगा।
नेशनल सीड कांग्रेस को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर किसानों की ओर से शिकायत आती है कि बीज महंगे हैं, खराब हैं। ऐसी शिकायत अब नहीं आनी चाहिए। किसानों को हर हाल में अच्छी गुणवत्ता की खाद, बीज और कीटनाशक मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को गुणवत्तायुक्त अन्न मिल सके, इसके लिए जरूरी है कि बीजों की सेहत ठीक हो। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 109 बीजों की किस्में रिलीज की हैं, किसान इसका लाभ उठाएं।