देश – दिव्यांगों की मदद को आगे आई NCRTC, गाजियाबाद RRTS स्टेशन पर किया यह कार्यक्रम – #NA

Ghaziabad News :
एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आसपास रहने वाले दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरण वितरण अभियान शुरू किया है। इस पहल का उद्देश्य उनकी गतिशीलता, पहुंच और सक्षमता को बढ़ाना है, जिससे उन्हें अपने दैनिक जीवन में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में आसानी होगी। यह अभियान जापान फंड फॉर प्रॉस्पैरस एंड रेसिलिएंट एशिया एंड द पैसिफिक (जेएफपीआर) के तहत एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से चलाया जा रहा है।

130 दिव्यांगों को मिले उपकरण

शनिवार को दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण का पहला कार्यक्रम गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर आयोजित किया गया, जहां एनसीआरटीसी की निदेशक (वित्त) नमिता मेहरोत्रा और निदेशक (सिस्टम एंड ऑपरेशन) नवनीत कौशिक ने 130 दिव्यांगजनों को स्मार्ट केन, श्रवण यंत्र और बैसाखी वितरित कीं। दिव्यांग विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सर्वेक्षण के माध्यम से इन सहायक उपकरणों को सोच-समझकर चुना गया, ताकि इन लाभार्थियों के लिए सबसे उपयुक्त सहायता सुनिश्चित की जा सके।

इस अभियान से सशक्त होंगे दिव्यांग

इन दिव्यांगजनों के लिए यह पहल न केवल गतिशीलता और पहुंच को बढ़ावा देगी, बल्कि सशक्तिकरण और रोजगार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों को आसानी से जीवन यापन करने और आवागमन में आसानी से आगे बढ़ाने में सहायता करेगा। इन उपकरणों की मदद से दिव्यांगजनों को परिवहन, दैनिक गतिविधियों और कार्यस्थलों तक बेहतर पहुंच के साथ ही नौकरी के ऐसे अवसरों का भी लाभ मिलेगा, जो पहले उनके लिए दुर्गम थे। इन उपकरणों के उपयोग से ये लोग अपने परिवेश में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हुए खुद को सशक्त महसूस करेंगे, जिससे वे आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों में अपनी भागीदारी और बढ़ा सकेंगे।

दृष्टिबाधितों के लिए हर स्टेशन पर सुविधाएं

दृष्टिबाधित यात्रियों की सहायता के लिए सभी आरआरटीएस स्टेशनों पर समर्पित स्पर्श पथ प्रदान किए गए हैं, जो उन्हें प्रमुख क्षेत्रों तक पहुँचने के लिए सबसे छोटे और सबसे सहज मार्गों पर मार्गदर्शन करते हैं, जिससे भ्रम कम होता है और उनका आत्मविश्वास बना रहता है। इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजनों के लिए न केवल व्हीलचेयर बल्कि आपातकालीन स्थिति में चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्ट्रेचर के आवागमन के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई लिफ्टें भी लगाई गई हैं।

सहायता के लिए हर ट्रेन में अटेंडेंट

स्टेशनों में प्रवेश/निकास द्वार पर रैंप, लिफ्ट और एस्केलेटर इस तरह से डिजाइन किए गए हैं ताकि भीड़ और प्लेटफ़ॉर्म लेवल्स तक उन्हें निर्बाध पहुंच प्रदान की जा सके। बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं सहित सभी यात्रियों के लिए एक आसान और परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के ल‌िए नमो भारत ट्रेन के हर कोच में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित हैं। इसके अतिरिक्त यात्रियों की सहायता के लिए हर ट्रेन में एक ट्रेन अटेंडेंट तैनात किया जाता है।

स्मार्ट केन के बारे में जानें

स्मार्ट केन दृष्टिबाधितों के लिए गतिशीलता और स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।  बाधाओं का पता लगाने के लिए इसमें अल्ट्रासोनिक या इन्फ्रारेड सेंसर जैसी उन्नत सुविधाएँ शामिल हैं जो कंपन या ध्वनि संकेतों के माध्यम से अलर्ट करता है। स्मार्ट केन हल्के और फोल्ड करने योग्य हैं, जो अनुकूलन योग्य संवेदनशीलता सेटिंग्स प्रदान करते हैं और विस्तारित उपयोग के लिए रिचार्जेबल बैटरी द्वारा संचालित होते हैं।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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