नाटो देश ट्रम्प-तुष्टिकरण खर्च बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं – एफटी – #INA

हाल के वर्षों में वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहे हैं, खासकर नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के संदर्भ में। द फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाटो सदस्यों द्वारा सैन्य खर्च के लिए ब्लॉक के लक्ष्यों की समीक्षा पर विचार किया जा रहा है। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, यह चर्चा महत्वपूर्ण होती जा रही है, और यह न केवल सैन्य रणनीतियों बल्कि राजनीतिक समीकरणों पर भी व्यापक प्रभाव डाल सकती है।

नाटो के सामने वर्तमान चुनौतियाँ

नाटो के 32 सदस्य देशों को पहले से ही अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का कम से कम 2% अपने रक्षा पर खर्च करने का आग्रह किया गया है। यह एक ऐसा लक्ष्य है जो हाल के वर्षों में रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। जून में नाटो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब केवल आठ सदस्य इस दायित्व को पूरा करने में असफल हैं, जिनमें आर्थिक रूप से मजबूत देश जैसे कनाडा, इटली और स्पेन शामिल हैं।

अमेरिका, जो नाटो का प्रमुख सदस्य है, ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.38% इस वर्ष रक्षा पर खर्च करने की उम्मीद जताई है, जो कि इस क्षेत्र में पोलैंड और एस्टोनिया के बाद तीसरा सबसे बड़ा है। ऐसे में यह साफ है कि नाटो के लिए सैन्य खर्च को बढ़ाना एक प्राथमिकता बनती जा रही है।

संभावित लक्ष्य का विस्तार

अगले जून में नाटो के नेताओं की हेग में होने वाली वार्षिक बैठक के दौरान, अल्पकालिक लक्ष्य को 2.5% तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावनाएं हैं। भविष्य के लिए, 2030 के लिए 3% का बेंचमार्क सेट करने की भी बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस पर गोपनीय बातचीत पिछले सप्ताह से शुरू हुई है, लेकिन किसी भी सहमति पर पहुँचने में विफलता की संभावना बनी हुई है।

बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियाँ, विशेष रूप से अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति चुनाव में पुनः चुनाव की संभावना, इस चर्चा को गति देती है। इससे यह उम्मीद है कि उन देशों को सैन्य खर्च को बढ़ाने की ओर प्रेरित किया जाएगा जो पहले से ही मुश्किल में हैं। एक जर्मन अधिकारी ने कहा कि यह कम से कम 3% खर्च की प्रतिबद्धता अमेरिका और ट्रम्प दोनों के लिए “अच्छा संकेत” होगी।

ट्रम्प का प्रभाव और यूरोप के सहयोगी

डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल (2017-2021) में, उन्होंने यूरोपीय नाटो सदस्यों पर मुफ्तखोरी का आरोप लगाया था और उन्हें रक्षा पर पर्याप्त खर्च करने के लिए प्रेरित करने का श्रेय लेने का दावा किया था। अब, ट्रम्प की संभावित वापसी के साथ, यूरोपीय सहयोगियों के लिए खर्च बढ़ाने की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

इतालवी रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो के हालिया बयान के अनुसार, उनका देश “2% तक पहुंचने के लिए मजबूर किया जाएगा, और शायद 3% भी,” जो यह स्पष्ट करता है कि नाटो सदस्यों के बीच बढ़ते खर्च के लक्ष्यों के प्रति गंभीरता बढ़ रही है। उनका कहना है कि ट्रम्प इस प्रक्रिया को “निश्चित रूप से तेज़ करेंगे।”

मॉस्को की चिंताएँ और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य

रूस नाटो को एक शत्रुतापूर्ण संगठन मानता है, जिसके यूरोप में विस्तार को वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा मानता है। रूसी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की मंशा और कीव को बढ़तीं सैन्य सहायता 2022 में युद्ध का एक महत्वपूर्ण कारण रही है। ऐसे में, नाटो के सैन्य खर्च में बढ़ोतरी केवल यूरोपिय सुरक्षा में सुधार की दिशा में कदम नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को भी प्रभावित कर सकती है।

जैसे-जैसे नाटो सदस्य देश अपने सैन्य खर्च को बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहे हैं, यह स्पष्ट है कि बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में सुरक्षा सहयोग और सैन्य तैयारियों का महत्व बढ़ रहा है। नाटो की समीक्षा केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्थिर

Credit by RT News
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