खबर आगरा: आजादी के बाद चौ चरणसिंह ने किसान गाँव गरीब की आवाज बुलन्द की – INA
आगरा। सरकार द्वारा भारत रत्न से नवाजे जाने के बाद पहली बार किसान मसीहा चौ चरण सिंह की 122 वीं जन्म जयन्ती को जोर शोर से मनाने जा रहा राष्ट्रीय लोकदल किसान मजदूर पखवाङा मना रहा है। इसी श्रंखला में रालोद महानगर प्रत्येक विधान सभा में संगोष्ठियाॅ आयोजित कर किसान गाँव गरीब व समाज के कमजोर वर्ग के लिए किये गये कार्यों को जन जन को बताने का कार्य कर रहा है।
इसी कङी में किसान संगोष्ठी का आयोजन शास्त्रीपुरम के सी2 ब्लॉक में पं आदेश भारद्वाज के आवास पर किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष पं दुर्गेश शुक्ला ने की।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए रालोद के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर ने कहा कि चौ चरण सिंह ने आजीवन आजादी के बाद किसान गाँव गरीब व समाज के कमजोर वर्ग की आवाज बुलन्द की। तत्कालीन प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू के कोऑपरेटिव फार्मिंग का विरोध कर किसानों भूमिहीनों को जमीन का मालिकाना हक दिलाया व हरिजनों को भूमि के पट्टे दिलाये जाने का काम किया।
महानगर अध्यक्ष पंडित दुर्गेश शुक्ला ने कहा कि 23-दिसंबर को दीवानी चौराहे पर इस उनकी जन्म जयन्ती जोरशोर से मनायी जायेगी हवन व विचार गोष्ठी कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जायेंगे।
प उ प्रदेश के पूर्व सचिव सुरेंद्र रावत ने कहा कि चौ चरण सिंह को अनुशासन प्रिय था।
संचालन रालोद के प्रदेश सचिव डॉक्टर रुपेश चौधरी ने किया।
गोष्ठी के आयोजक पं आदेश भारद्वाज ने प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर, प्रदेश सचिव डा रूपेश चौधरी, महानगर अध्यक्ष दुर्गेश शुक्ला व पूर्व प उ प्रदेश सचिव सुरेंद्र रावत का पगङी व माला पहना कर किया। विचार व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से राधेश्याम मुखिया जी, नेपाल सिंह राना, संजीव शर्मा, रत्नेश मिश्रा, प्रवीण माहौर, रामनिवास बघेल, केदार सिंह जादौन, अमरजीत सिंह, अकरम हुसैन,मान सिंह चौहान, आदि ने विचार व्यक्त किए।
पोस्ट दृश्य:
9
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
ज्वाइन फॉर्म भर कर जुड़ें हमारे साथ बिलकुल फ्री में ,
This post was first published on Credit By www.bharattvnews.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link, आगरा – . . ..
Copyright Disclaimer :- Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.