खबर आगरा: देर रात तक बहती रही कीर्तन रस धारा, आयोजित हुआ भव्य कीर्तन दरबा – INA

आगरा। गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व को समर्पित भव्य कीर्तन दरबार का आयोजन समूह अमृतवेला परिवार की ओर से गुरुद्वारा शाहगंज के सहयोग से राधा कृष्ण मंदिर पार्क पांडव नगर में आयोजित किया गया हजारों की तादाद में आई हुई साध संगत ने इस भव्य कीर्तन दरबार से जुड़कर गुरु नानक पातशाह के प्रकाश पर्व की खुशियां मनाईं। सुंदर फूलों से सजी भव्य पालकी के अंदर गुरु ग्रंथ साहिब जी को सुशोभित किया गया उसके बाद पावन रहरास साहिब जी की वाणी का पाठ हुआ उपरांत गुरुद्वारा शाहगंज के रागी भाई विकास सिंह ने अमृतमई वाणी से सारी संगत को निहाल किया उसके बाद सुखमनी सेवा सभा के हरमन प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी ने अपनी मधुर रसना द्वारा पावन शब्द “कल तारण गुरु नानक आया” शब्द का बहुत ही मनोहारी ढंग से गायन किया और बताया कि द्वापर में एक रावण था राम ने उसको मारा काम खत्म हो गया त्रेता युगमें एक कंस था कृष्ण ने उसको मार दिया लेकिन कलयुग में अनेक रावण अनेक कंस इस धरती पर पैदा हुए तो उस निरंकार ने आप गुरु नानक के रूप में प्रगट होकर इस जगत का उद्धार किया “आप नारायण कलाधार जग में परवरयो” उन्होंने कहा अमृतवेला गुरु नानक की देन है यह शब्द गुरु नानक ने हमें दिया है अमृतवेले की महानता को बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप सूरज को जगाते हैं अर्थात सूरज उगने से पहले आप उठकर प्रभु की भक्ति में लीन होते हैं तो आपका जीवन सफल है लेकिन अगर आपको सूरज जगाए भाव सूरज उगने के बाद आप जागते हैं तो यह जीवन की असफलता है। उन्होंने सभी से अमृतवेला संभालने की अपील की। उसके बाद गुरुद्वारा माता कोलां अमृतसर से विशेष रूप से आमंत्रित भाई अमनदीप सिंह जी ने अपनी मधुर रसना द्वारा सभी को भाव विभोर कर दिया उन्होंने गुरु नानक पातशाह जी के जीवन के बारे में अनेक वृतांत सुनाएं व गुरु नानक जी के अवतार की महानता बताई उन्होंने शब्द “प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरु नानक की वडयाई” का बहुत ही सुमधुर ढंग से गायन किया। गुरुद्वारा गुरु का ताल के संत बाबा प्रीतम सिंह जी की असीम कृपा का सदका इस कार्यक्रम में गुरुद्वारा शाहगंज के मुख्य सेवादार बॉबी आनंद द्वारा सारी संगत का धन्यवाद किया गया व मुकेश रोशनी कुकरेजा,मोहन भूमि गनवानी ने समूह संगत का हार्दिक स्वागत किया इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बॉबी आनंद,मोहन गनवानी,मुकेश कुकरेजा, गुरमीत सिंह सेठी, शंटी आनंद,प्रथम सिंह भोजवानी,लव पोपली,अजय अरोड़ा,जय प्रकाश धर्माणी,योगेश जरानी, हरजिंदर सिंह, आदि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही कार्यक्रम के उपरांत गुरु के अटूट लंगर का वितरण हुआ जिसे सर्व धर्म के लोगों ने एक साथ बैठकर ग्रहण किया अंत में सारी संगत से गुरु नानक जी के जीवन से एक प्रेरणा लेकर उसको अपने-अपने हृदय में बसाने की अपील की गई व अमृतवेला संभालने की विनती की गई।

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