खबर आगरा: मानवाधिकारों की जागरूकता से ही मानवाधिकारों का संरक्षण संभव : डॉ बबिता चौहान – INA
आगर।अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर मानवाधिकार संगठन उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में ‘मानवाधिकारों की जागरूकता जरूरी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन वाटर वर्क्स चौराहा स्थित होटल अतिथि वन सभागार में किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश की अध्यक्षा डॉक्टर बबिता चौहान ने संगोष्ठी को संबोधित किया। वहीं अध्यक्षता राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य श्रीमती निर्मला दीक्षित द्वारा की गई। संगोष्ठी का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉक्टर बबिता चौहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों की अवधारणा के तहत महिलाओं और बच्चों के मानवाधिकारों का संरक्षण भी जरूरी है। राज्य महिला आयोग ने इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसके अंतर्गत ब्यूटी पार्लर और सिलाई का काम करने वाली दुकानों में महिलाओं का नाप लेने के लिए महिला कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जा सकेगा। कोई भी पुरुष कर्मचारी महिला ग्राहकों के कपड़े सिलने के लिए नाप नहीं ले सकेगा और जिन ब्यूटी पार्लर पर महिलाओं को सेवाएं दी जाती हैं, वहां भी महिला कर्मचारियों को ही रखा जा सकेगा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। विशेष रूप से महिलाओं और स्कूली छात्राओं को भी मानवाधिकारों का ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे कि वे किसी भी तरह के शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे आ सकें।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य श्रीमती निर्मला दीक्षित ने कहा कि मानवाधिकारों का महत्व आज के समय में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, न्याय व्यवस्था, पुलिस प्रशासन जैसे क्षेत्रों में मानवाधिकारों के संरक्षण की सबसे ज्यादा जरूरत है। यह तभी संभव है जब लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए। श्रीमती दीक्षित ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो, इस बात का ध्यान रखना चाहिए। केंद्र सरकार को भी अपने स्तर से शीघ्र कदम उठाने की जरूरत है जिससे कि बांग्लादेश के नागरिकों के मानवाधिकारों का संरक्षण किया जा सके। मानवाधिकारों की प्राप्ति के लिए यह भी आवश्यक है कि हर व्यक्ति अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह ईमानदारी से करे।
मानवाधिकार संगठन के प्रदेश महामंत्री मुकेश कुमार गुप्ता ने संगठन की स्थापना, उद्देश्य और संगठन के क्रिया कलापों का लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि मानवाधिकार संगठन उत्तर प्रदेश ने पीड़ित व्यक्तियों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई कराने के लिए पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के आला अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाई है और तीन वर्षो में सैकड़ों शिकायतों का निस्तारण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। श्री गुप्ता ने यह भी कहा की मानवाधिकार हनन संबंधी जो भी शिकायत हो वह सही साक्ष्य के साथ की गई हो यदि शिकायत मानवाधिकार संगठन उत्तर प्रदेश को गुमराह करके या झूठी पाई गई तो ऐसे लोगों के खिलाफ संगठन कानूनी कार्रवाई कार्यवाई कराने के लिए बाध्य होगा । मानवाधिकार हनन की शिकायत ट्रांस यमुना कालौनी फेस-2 केयर वैल हास्पीटल के पास ,मण्डी समिति के सामने आगरा -6 पर साक्ष्य के साथ व्यक्तिगत या डाक द्वारा की जा सकती है। भविष्य में संगठन की ओर से जागरूकता शिविर
लगाकर स्कूल कॉलेज के बच्चों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए योजना को साकार किया जाएगा और संगठन का दायरा उत्तर प्रदेश में बढाया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक लोगों को मानवाधिकार के प्रति जागरूक किया जा सके। मानवाधिकार संगठन उत्तर प्रदेश सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों के कार्यो की निगरानी भी करता है और केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के बीच कडी के रूप में कार्य करता है। यदि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी संगठन को प्राप्त हुई शिकायतों के निस्तारण में सहयोग नहीं करते है शासन को शिकायत करने में देरी नहीं करता है।
संगठन के संरक्षक इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रमोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में सभी के लिए मानवाधिकारों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। जागरूकता के अभाव में पीड़ित व्यक्ति आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार होते रहते हैं। मानवाधिकार संगठन लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। संगठन के पदाधिकारी वीके मित्तल ने कहा कि जहां मानवाधिकारों की बात आती है, वहां कर्तव्य पालन करने की जिम्मेदारी भी बनती है। अगर कोई व्यक्ति अपने अधिकार की मांग करता है तो पहले उसे अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए तैयार होना पड़ेगा।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस आयोजित करना तभी सार्थक होगा, जब देश का हर नागरिक अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक हो। यह प्रसन्नता की बात है कि पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं, बच्चों, कारागार में बंद बंदियों और नारी निकेतन में निरुद्ध संवासनियों में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए आवाज उठाने का साहस पैदा हुआ है। मानवाधिकार संगठन इस दिशा में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। गोष्ठी के समापन पर मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने संगोष्ठी में शिरकत करने वाले सभी अतिथियों, संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह संगठन को सभी का सहयोग और संबल मिलता रहेगा। सभी के सहयोग से मानवाधिकार संगठन अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल सिद्ध होगा, इसका उन्हें विश्वास है। सफल संचालन सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने किया ।
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