खबर आगरा: करोड़ों के बकाएदार शैलेंद्र अग्रवाल को जेल भेजा, लंबे समय से चल रहा था फरार – INA

आगरा। करोड़ों के बकाएदार निखिल होम्स एसोसिएट के डायरेक्टर शैलेंद्र अग्रवाल को बुधवार को प्रशासन की टीम ने एत्मादपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह लंबे समय से फरार चल रहे थे। उसकी तलाश में तहसील की टीम जुटी हुई थी। वह रेरा के 26 करोड़ छह लाख तीस हजार के बकाएदार हैं। इन पर ब्याज लगाकर करीब 33 करोड़ रुपये बकाया बनता है। जिसकी वसूली के लिए उप्र भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने डीएम के माध्यम से रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) 39 जारी की थी। वहीं कई और बकायेदार बिल्डरों से भी वसूली होनी है। वह भी गायब हो गए हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बकाएदार बिल्डर पर कार्रवाई के अधीनस्थों को निर्देशित किया। तहसीलदार सदर अविचल प्रताप सिंह ने बताया कि रेरा के बकाएदार मै. निखिल होम्स प्रा. लि. एवं मां मंशा देवी सहकारी आवास समिति लि. के विरुद्ध जारी आरसी की बकाया धनराशि 26.6 करोड़ रुपये की वसूली में अचल संपत्ति निखिल पार्क रॉयल खसरा नंबर 209, 210 चमरौली ताजनगरी फेस द्वितीय को कुर्क कर 23 अक्तूबर को नीलामी होनी थी। लेकिन बोली लगाने कोई नहीं आया। बुधवार को तहसीलदार सदर के नेतृत्व में एत्मादपुर तहसीलदार मान्धाता प्रताप सिंह व टीम के समन्वय से बकाएदार बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। टीम में नायब तहसीलदार सुभाष गिरि एवं संग्रह अमीन आदि रहे। नायब तहसीलदार ने बताया कि अन्य बिल्डरों पर कार्रवाई के लिए टीमें भेजी जा रही हैं।

एसडीएम सदर ने बताया कि ब्याज लगाकर बिल्डर पर बकाया है करीब 33 करोड़

दो बार में नहीं हो सकी थी 48 फ्लैटों की नीलामी
मै. निखिल होम एसोसिएट और मां मंशा देवी सहकारी आवास समिति रेरा की करोड़ों की बकाएदार हैं। प्रशासन ने जुलाई 2023 में दोनों की संपत्तियां कुर्क की थी। निखिल पार्क रॉयल अपार्टमेंट चमरौली में चार ब्लॉक में करीब 200 फ्लैट कुर्क किए गए थे। इस अपार्टमेंट के 48 फ्लैट कर नीलामी के लिए प्रशासन ने दो बार तारीख लगाई, सुबह से दोपहर तक तहसील सदर के अधिकारी इंतजार करते हैं, लेकिन कोई खरीदार नहीं आया।

पहले भी दोनों जीजा-साले जा चुके हैं जेल
बिल्डर शैलेंद्र अग्रवाल पुत्र स्व. ओमप्रकाश अग्रवाल निवासी निर्भय नगर गैलाना और उसके साले शैलेंद्र अग्रवाल ने धनराशि का भुगतान नहीं किया। प्रशासन ने दोनों हमनाम जीजा-साले को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि कुछ माह बाद दोनों जेल से छूट गए थे। उसके बाद भी बकाएदार बिल्डर ने धनराशि जमा नहीं की और रेरा से कई और आरसी जारी होती रही। इन पर धोखाधड़ी के मुकदमे भी चल रहे हैं।

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