खबर आगरा: आगरा में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में उठे हजारों हाथ – INA

आगरा। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन के सन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्वक कारावास में डालने से हिंदू समाज में आक्रोश है। बुधवार को सनातन चेतना मंच ने जीआईसी मैदान पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समाज पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विशाला प्रदर्शन कर प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में सभी धर्मो के गुरूओं सहित नगर के प्रबुध नागरिक व बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहे।

गौ सेवक अजित महापात्रा ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पंसख्यक के साथ जो घटना हो रही है। हमें ऐसा लग रहा हैं कि बांग्लादेश खत्म होकर अखंड भारत होने वाला है। उन्होंने सभी सनातनी हिन्दुओं को बांग्लादेश में ढाकेश्वरी मंदिर जाकर वहां के हिन्दुओं का हौंसला बढ़ाना चाहिए। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। अजीत महापात्रा ने कहा कि सम्पूर्ण भारत ही नही बल्कि भारत के बाहर विश्व भर में रहने वाले हिन्दुओं को भी बांग्लादेश नरसंहार पर एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिए। विभाजन के समय बांग्लादेश में 36 प्रतिशत हिन्दु थे, जो घटकर 8 प्रतिशत रह गए है। जबकि संधि के समय अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा की बात तय हुई थी। अजीत महापात्रा ने कहा बांग्लादेश में हिन्दु अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर इस्काॅन के चिन्मय प्रभु ने आवाज उठाई, लेकिन बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से नरसंहार का चल रहा है। चिन्मय प्रभु ने आवाज उठाई, तो उन्हें देशद्रोही कहकर बंदी बना लिया गया। सरकार इस मामले का जल्द ही हल निकाल लेगी। बांग्लादेश में हिन्दु अत्याचार पर अजीत महापात्रा ने अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि वह बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के लोग बांग्लादेश में जाकर क्यों नही बैठते है। उन पर कोई कार्रवाई क्यों नही कर रह है। यह उनकी शिथिलता को दर्शा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के सभी राजनैतिक दलों को बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर एकजुट होने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कांग्रेस नखरेबाजी बंद कर सनातनी होने के नाते एक साथ खड़े होकर भारत के जय जयकार करनी चाहिए और बांग्लादेशी हिन्दुओं की दुर्दशा को दूर करने पर विचार करना चाहिए।

वृदांवन के पीठाधीश्वर यदुनन्दन आचार्य ने कहा कि भारत से टुकड़ा कटने के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ प्रताडना झेलने पड रही है। बांग्लादेश की युनूस सरकार अल्पसंख्यक हिन्दुओं की बेटियों को घर से खींचकर उनके साथ र्दुव्यवहार किया जा रहा है। वहां हिन्दू सहमें बैठै है। इस मामले में विश्व के सभी संगठनों को एकजुट होकर बांग्लादेशी हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा सभी विश्व के हिन्दुओं को अब बैठना नही है, सभी को उठना होगा और अपनी सनातनी संस्कृति की विरासत को बचाना होगा। जिससे आने वाली पीढ़ी याद कर की हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया था। उन्होंने कहा जो स्थिति बन रही है उसके अनुसार अब उठना है, करना है और करो या मरो के नारे को आत्मसात करना है।

इस्काॅन के अरविंद प्रभु ने कहा कि बांग्लादेश में वर्तमान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ विषम परिस्थितियां है। चैतन्य महाप्रभु ने असहयोग आंदोलन किया था। जिसे यमन और मुगलों ने रोकने की कोशिश की थी, लेकिन आंदोलन की हवा देखकर काजी घबरा गया था और सनातनी बन गया था। उन्होंने कहा बांग्लादेश की सरकार ने 60 बांग्लादेशी भक्तों को बाॅर्डर पर रोककर भारत आने से रोका। ऐसे हालात चिंतनीय है। जिसको देखकर सनातन चेतना मंच ने विश्व भर के सनातनी हिन्दुओं को जाग्रत करने का आवाहन किया है। उन्होंने कहा बांग्लादेश हिंसा को शस्त्र और शास्त्र से रोका जा सकता है। पं. उप्र हिन्दु दुर्गा वाहिनी अध्यक्ष रीना शर्मा ने कहा बांग्लादेश में हमेशा से ही ऐसी स्थिति है। विश्व पटल पर बांग्लादेश में हिन्दुओं की दुर्दशा सामने आई है। बांग्लादेश में महिलाओं के लिए नारकीय स्थिति बनीह हुई है। वहां के हिन्दुुओं ने संगठित होकर अत्याचार का विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसका हमें भी समर्थन करना है और बांग्लादेश की हिन्दु बहन-बेटियों की सुरक्षा करनी है। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में नागरिक आए।

इस अवसर पर सनातन चेतना मंच संयोजक पंकज खंडेलवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष किशोर गुप्ता, सोमनाथ धाम महंत जहाज नाथ योगी, मनःकामेश्वर महंत योगेश पुरी, निर्मल गिरी, ग्रंथी बड़ा गुरूद्वारा सरदार तीरथ सिंह, बौद्धधर्म गुरूभंत अशोक रतन, आर्य समाज के प्रतिनिधि विजय चौहान, डाॅ. देवाशीष भट्टाचार्य, कवियत्री रूचि चतुर्वेदी, मंच के सहसंयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी और अशोक पिप्पल, विभाग प्रचारक आनंद, विभाग कार्यवाह सुनील कुमार, रामवीर, उपेंद्र सिंह लवली, हेमलता दिवाकर, रामप्रताप सिंह चौहान, विजय शिवहरे, भानू महाजन, पुरूषोत्तम खंडेलवाल, धर्मपाल, डॉ. मंजू भदौरिया, रजत​ सिंहल, नितेश शिवहरे, गौरव रजावत, राजकुमार गुप्ता, विनीत शर्मा, शौकी कपूर एवम् विभाग प्रचार प्रमुख मन मोहन निरंकारी आदि उपस्थित रहे।

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