खबर बाजार -Budget 2025 Expectations: सस्ते रॉ मटीरियल के लिए ड्यूटी कट करें सरकार, जानिए बजट से गारमेंट इंडस्ट्री की क्या हैं मांगें – #INA

रेडीमेड गारमेण्ट इंडस्ट्री ने वित्तमंत्री से बजट में ड्यूटी फ्री रॉ मटीरियल, टैक्स में राहत और रियायती दरों पर कर्ज की मांग है। MSME मैनुफैक्चरर्स और एक्पोर्टर्स का कहना है कि चीन और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले उत्पादन लागत ज्यादा होने के चलते ग्लोबल एक्सपोर्ट मार्केट में इंडस्ट्री पिछड़ रही है।
नोएडा की इस रेडीमेड गारमेंट फैक्ट्री में United Colour of Beneton, H&M, ONLY और ZARA जैसे टॉप यूरोपियन और अमेरिकी ब्रांड्स के लिए एक्सपोर्ट ऑर्डर तैयार हो रहा है। काम दिन रात चल रहा है ताकि समय रहते समर कलेक्शन का कंसाइनमेंट तैयार हो सके। कंपनी के पास फिलहाल ऑर्डर भी भरपूर है लेकिन कंपनी के प्रेसिडेंट राहुल मलिक अपने घटते मार्जिन की वजह से बेहद चिंतित हैं कि वो कब तक इंपोर्टर की उम्मीदों पर प्राईसिंग के मोर्चे पर खरे उतर सकेंगे। क्योंकि उत्पादन लागतार बढ़ता जा रहा है।
MSMEs सेक्टर से जुड़ी पेमेंट्स की दिक्कतें दूर की जाएं। इंडस्ट्री ने वित्तमंत्री से गुजारिश की हैं कि सस्ती दरों पर रॉ मैटीरियल मुहैया कराने के लिए सभी तरह के कॉटन फाइबर और गारमेंट मशीनरी पर से इंपोर्ट ड्यूटी हटाई जाए। MMF फाइबर/यार्न पर QCOs यानि Qulity Control Orders में ढील दी जाए। Export आर्डर पर सस्ता कर्ज मिल सके इसलिए Interest Equalization Scheme को अगले 5 साल तक बढ़ाया जाए। नए मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए 15% की दर से रियायती इनकम टैक्स लागू जारी रहे। फैक्ट्री मॉडर्नाइजेशन के लिए TUFS जैसी वैकल्पिक स्कीम लाई जाए। E Commerce के ज़रिए एक्पोर्ट के नियमों में ढील दी जाए और MSMEs सेक्टर से जुड़ी पेमेंट्स की दिक्कतों को जल्द दूर की जाए।
ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद रेडीमेड गारमेंट का एक्सपोर्ट वॉल्यूम सालाना 11 से 12% की दर से तो बढ़ रहा है लेकिन कुल एक्सपोर्ट अभी भी 13 से 16 बिलियन डॉलर के आसपास ही बना हुआ है। जानकारों के मुताबिक रेडीमेड गारमेण्ट इंडस्ट्री को ग्रीन ट्रांसफॉर्मेंशन को अपनाने और सस्टेनेबल मॉडल पर काम करने की जरूरत है। ताकि ब्रांड मेड इन इंडिया की चमक ग्लोबल मार्केट में फीकी न पड़े।
क्लाइमेट चेंज की चुनौती और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेडेशन घरेलू रेडीमेड गारमेण्ट इंडस्ट्री के सामने बड़ा मुद्दा है। ऐसे में अगर वित्तमंत्री बजट में पेमेंट से जुड़ी दिक्कतों का समाधान, लिक्विडिटी बढ़ाने और रियायती दरों में कर्ज जैसे ऐलान करतीं हैं तो यक़ीनन घरेलू इंडस्ट्री को न सिर्फ तेज रफ्तार मिलेगी बल्कि प्राइसिंग के मामले में भी वो चीन और वियतनाम जैसे देशों को कड़ी टक्कर दे सकेंगे।
Budget 2025 Expectations: सस्ते रॉ मटीरियल के लिए ड्यूटी कट करें सरकार, जानिए बजट से गारमेंट इंडस्ट्री की क्या हैं मांगें
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