आगरा में गलत तरीके से चालान की शिकायतें करने आए दिन लोग संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय आते हैं। इनमें अधिकतर सीसीटीवी कैमरों से होने वाले चालान होते हैं। इन चालानों पर फोटो साफ नहीं आता है, सिर्फ वाहन का नंबर नजर आता है।
कई बार तो दोपहिया वाहन की नंबर प्लेट का फोटो होता है और चालान सीट बेल्ट न लगाने का होता है। ऐसे चालानों को लेकर लेकर वाहन स्वामी इधर से उधर भटकते रहते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
संभागीय परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल के साथ स्मार्ट सिटी के कैमरों से भी वाहनों के चालान होते हैं। अब कैमरों के चालान को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजपाल यादव का कहना है कि गलत चालान होने का मामला आरटीओ अधिकारियों के सामने उठाया था लेकिन समाधान नहीं हुआ। आरटीओ (प्रवर्तन) एके सिंह ने बताया कि 15 साल पुराने वाहन और बीमा होने वाले चालान आरटीओ के स्तर से देखे जाते हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट के चालान यातायात पुलिस करती है। फोटो की क्वालिटी में सुधार के लिए विचार किया जा रहा है।
केस-1
– गैलाना रोड खंदारी निवासी आकाश कुमार 30 नवंबर को अपनी मम्मी के साथ एक्टिवा से भगवान टॉकीज जा रहे थे। उन्होंने हेलमेट लगाया था। इसके बाद भी उनका बिना हेलमेट का चालान कट गया। उनके मोबाइल पर मैसेज आया। चालान पर लगे फोटो में कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा है।
केस-2
– शुभम नगर दयालबाग निवासी अनीता अपने बच्चों को लेकर रोज स्कूल जाती हैं। विवि कैंपस खंदारी के पास उनका बिना हेलमेट का चालान हुआ है। उनका कहना है कि बिना हेलमेट के स्कूटी नहीं चलाती है फिर भी चालान कट गया। अब 1000 रुपये जमा करने का मैसेज आया है।
आगरा में गलत तरीके से चालान की शिकायतें करने आए दिन लोग संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय आते हैं। इनमें अधिकतर सीसीटीवी कैमरों से होने वाले चालान होते हैं। इन चालानों पर फोटो साफ नहीं आता है, सिर्फ वाहन का नंबर नजर आता है।
कई बार तो दोपहिया वाहन की नंबर प्लेट का फोटो होता है और चालान सीट बेल्ट न लगाने का होता है। ऐसे चालानों को लेकर लेकर वाहन स्वामी इधर से उधर भटकते रहते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
संभागीय परिवहन विभाग के प्रवर्तन दल के साथ स्मार्ट सिटी के कैमरों से भी वाहनों के चालान होते हैं। अब कैमरों के चालान को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजपाल यादव का कहना है कि गलत चालान होने का मामला आरटीओ अधिकारियों के सामने उठाया था लेकिन समाधान नहीं हुआ। आरटीओ (प्रवर्तन) एके सिंह ने बताया कि 15 साल पुराने वाहन और बीमा होने वाले चालान आरटीओ के स्तर से देखे जाते हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट के चालान यातायात पुलिस करती है। फोटो की क्वालिटी में सुधार के लिए विचार किया जा रहा है।
केस-1
– गैलाना रोड खंदारी निवासी आकाश कुमार 30 नवंबर को अपनी मम्मी के साथ एक्टिवा से भगवान टॉकीज जा रहे थे। उन्होंने हेलमेट लगाया था। इसके बाद भी उनका बिना हेलमेट का चालान कट गया। उनके मोबाइल पर मैसेज आया। चालान पर लगे फोटो में कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा है।
केस-2
– शुभम नगर दयालबाग निवासी अनीता अपने बच्चों को लेकर रोज स्कूल जाती हैं। विवि कैंपस खंदारी के पास उनका बिना हेलमेट का चालान हुआ है। उनका कहना है कि बिना हेलमेट के स्कूटी नहीं चलाती है फिर भी चालान कट गया। अब 1000 रुपये जमा करने का मैसेज आया है।