खबर शहर , UP: हवा को जहरीली बनाने की जानें सबसे बड़ी वजह, आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट में खुलासा; सोचने पर कर देगा मजबूर – INA

National Pollution Control Day Know biggest reason for making air poisonous revealed in report of IIT Kanpur

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आगरा में धूल के गुबार

– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

National Pollution Control Day: आगरा की हवा को जहरीला बनाने में सड़क की धूल 82 प्रतिशत जिम्मेदार है। पीएम-10 कण और अति सूक्ष्म पीएम-2.5 कण ही मुख्य प्रदूषक हैं। यह खुलासा आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट में हुआ है। आईआईटी ने आगरा की वायु गुणवत्ता पर अध्ययन किया था।
दिसंबर 2024 में आई इस रिपोर्ट में वाहनों के उत्सर्जन का पीएम-10 में 5.1 प्रतिशत और पीएम-2.5 में 12.1 प्रतिशत योगदान है। दिलचस्प बात यह है कि आगरा के उद्योग धंधों का वायु प्रदूषण में योगदान नगण्य है। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन का कहना है कि खराब हवा के लिए उद्योग धंधों को दोष देना बेमानी है। उन्होंने वायु गुणवत्ता और सतत विकास के लिए संतुलित नजरिया अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण युवा पलायन कर रहे हैं। उन्होंने सड़क की धूल से निपटने के लिए उपाय बताए।
कहा कि मशीनों से सफाई, वैक्यूम और नियमित रखरखाव से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रभावी बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा वायु प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं बल्कि यह जन स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है।
 


2 दिसंबर इतिहास का काला अध्याय
सोमवार को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस था। जिसे भोपाल गैस कांड की वजह से मनाया जाता है। 2 दिसंबर 1984 को देश के इतिहास में काला अध्याय जुड़ा। जब भोपाल में गैस के रिसाव से हजारों जिंदगियां तबाह हो गई। लाखों लोग अपंग हो गए।

 


स्मार्ट सिटी के सेंसर बंद, एक्यूआई गायब
आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर 800 करोड़ रुपये खर्च हुए। सीसीटीवी कैमरे व हवा की सेहत जांचने को सेंसर लगाए गए थे। वह सोमवार को बंद हो गए। स्मार्ट सिटी सेंसर से एक्यूआई गायब था। स्मार्ट सिटी के आंकड़े प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मेल नहीं खा रहे थे।

 


एक्यूआई डाटा गायब
वायु प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर नगर निगम में ऑटोमैटिक स्टेशन पर पानी छिड़काव का मामला सामने आने के बाद एक तरफ स्वच्छ हवा पर फजीहत हो रही है। दूसरी तरफ सोमवार को 20 से अधिक स्थानों का एक्यूआई डाटा गायब हो गया। पिछले सप्ताह संजय प्लेस ऑटोमैटिक स्टेशन पर भी डाटा बंद हो गया था।

 


यहां लगे हुए हैं सेंसर 
प्रदूषण बढ़ने पर यहां का रिकाॅर्ड गायब था। सोमवार को यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में एक्यूआई 99 रहा। जबकि स्मार्ट सिटी और सीपीसीबी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत छीपीटोला, पुरानी मंडी, बाग फरजाना, शाहगंज, धुलियागंज सहित 20 से अधिक स्थानों पर प्रदूषण मापी सेंसर लगे हुए हैं।
 
National Pollution Control Day: आगरा की हवा को जहरीला बनाने में सड़क की धूल 82 प्रतिशत जिम्मेदार है। पीएम-10 कण और अति सूक्ष्म पीएम-2.5 कण ही मुख्य प्रदूषक हैं। यह खुलासा आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट में हुआ है। आईआईटी ने आगरा की वायु गुणवत्ता पर अध्ययन किया था।
दिसंबर 2024 में आई इस रिपोर्ट में वाहनों के उत्सर्जन का पीएम-10 में 5.1 प्रतिशत और पीएम-2.5 में 12.1 प्रतिशत योगदान है। दिलचस्प बात यह है कि आगरा के उद्योग धंधों का वायु प्रदूषण में योगदान नगण्य है। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन का कहना है कि खराब हवा के लिए उद्योग धंधों को दोष देना बेमानी है। उन्होंने वायु गुणवत्ता और सतत विकास के लिए संतुलित नजरिया अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण युवा पलायन कर रहे हैं। उन्होंने सड़क की धूल से निपटने के लिए उपाय बताए।
कहा कि मशीनों से सफाई, वैक्यूम और नियमित रखरखाव से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रभावी बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा वायु प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं बल्कि यह जन स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करता है।
 


Credit By Amar Ujala

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