आगरा स्मार्ट सिटी में चौराहों पर प्रदूषण से सांस उखड़ रही हैं। अस्थमा और हार्ट अटैक का खतरा है। हवा इस कदर जहरीली है कि पांच मिनट खड़ा होना भी मुश्किल। ये हम नहीं, स्मार्ट सिटी के सेंसर कह रहे हैं। जिनमें रविवार को एक्यूआई 499 तक दर्ज हुआ है।
वायु प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर एक तरफ खानापूर्ति हो रही है। दूसरी तरफ आंकड़ों की बाजीगरी भी कमाल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों में आगरा की हवा साफ है। रविवार को एक्यूआई 128 रहा। जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के चौराहों पर लगे प्रदूषण मापी सेंसर सीपीसीबी के आंकड़ों को झूठा बता रहे हैं।
शाहगंज, बाग फरजाना और धुलियागंज में एक्यूआई 499 तक रहा। 15 से अधिक स्थानों पर एक्यूआई 350 से अधिक दर्ज हुआ है। जिनमें सिकंदरा तिराहा, राजेश्वर मंदिर, कृलाकृति तिराहा, हाथीघाट, सुल्तानपुरा, जीपीओ चौराहा, पुरानी मंडी आदि शामिल हैं।
छिड़काव के नाम पर रस्म अदायगी
टीटीजेड चेयरमैन एवं मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रमुख मार्गों पर पानी का छिड़काव, निर्माण सामग्री को ढकने और ग्रीन नेट लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन, जिम्मेदार विभाग वायु प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर रस्म अदायगी करते नजर आए। उधर, नगर निगम व छावनी क्षेत्र में कूड़ा व कचरा जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। कचरा जलाने पर सही से कार्रवाई नहीं हो रही। जिम्मेदारों की यह लापरवाही 20 लाख शहरियों की सांसों के लिए संकट साबित हो रही है।
आगरा स्मार्ट सिटी में चौराहों पर प्रदूषण से सांस उखड़ रही हैं। अस्थमा और हार्ट अटैक का खतरा है। हवा इस कदर जहरीली है कि पांच मिनट खड़ा होना भी मुश्किल। ये हम नहीं, स्मार्ट सिटी के सेंसर कह रहे हैं। जिनमें रविवार को एक्यूआई 499 तक दर्ज हुआ है।
वायु प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर एक तरफ खानापूर्ति हो रही है। दूसरी तरफ आंकड़ों की बाजीगरी भी कमाल है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों में आगरा की हवा साफ है। रविवार को एक्यूआई 128 रहा। जबकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के चौराहों पर लगे प्रदूषण मापी सेंसर सीपीसीबी के आंकड़ों को झूठा बता रहे हैं।
शाहगंज, बाग फरजाना और धुलियागंज में एक्यूआई 499 तक रहा। 15 से अधिक स्थानों पर एक्यूआई 350 से अधिक दर्ज हुआ है। जिनमें सिकंदरा तिराहा, राजेश्वर मंदिर, कृलाकृति तिराहा, हाथीघाट, सुल्तानपुरा, जीपीओ चौराहा, पुरानी मंडी आदि शामिल हैं।
छिड़काव के नाम पर रस्म अदायगी
टीटीजेड चेयरमैन एवं मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रमुख मार्गों पर पानी का छिड़काव, निर्माण सामग्री को ढकने और ग्रीन नेट लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन, जिम्मेदार विभाग वायु प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर रस्म अदायगी करते नजर आए। उधर, नगर निगम व छावनी क्षेत्र में कूड़ा व कचरा जलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। कचरा जलाने पर सही से कार्रवाई नहीं हो रही। जिम्मेदारों की यह लापरवाही 20 लाख शहरियों की सांसों के लिए संकट साबित हो रही है।