खबर मध्यप्रदेश – 1500 रुपये में खरीदा कट्टा, फिर मारी थी प्रिंसिपल को गोली… छतरपुर मर्डर केस की Inside Story – INA
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से बीते दिनों हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जहां स्कूल के ही छात्र ने प्रिंसिपल पर दो गोलियां मार दी, जिससे घटनास्थल पर उनकी ही मौत हो गई थी. प्रिंसिपल की हत्या के बाद शिक्षकों ने सुरक्षा को लेकर एक्सीलेंस स्कूल से पैदल कैंडल मार्च निकालते हुए छत्रसाल चौराहे पर नम आंखों से प्रिंसिपल को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में टीचर्स मौजूद रहे. जघन्य घटना की घोर निंदा करते हुए दिवंगत प्रिंसिपल को शहीद का दर्जा देने की टीर्चस ने मांग की हैं.
दिवंगत प्राचार्य एसके सक्सेना की छोटे भाई राजेंद्र सक्सेना ने बताया कि घटना में एक नहीं बल्कि दो छात्र शामिल थे. हत्या करने के बाद दोनों एक साथ भागे थे,लेकिन पुलिस कार्यवाही में दूसरे आरोपी का जिक्र नहीं किया जा रहा है. जबकि शुरुआत में एसपी तक ने घटना में दो आरोपियों के शामिल होने का ज़िक्र किया था. उनका कहना है कि दूसरे आरोपी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. जिसके चलते उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
सिर में गोली लगने से हुई थी मौत
राजेंद्र सक्सेना ने बताया कि उनके भाई को दो गोलियां मारी गई थी,जिसमें एक गोली सिर में फांसी पाई गई और एक गोली घटना स्थल पर मिली है. उन्होंने स्कूल के स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल में तैनात एक शिक्षक और शिक्षिका की भाई से दुश्मनी थी. जिसके धमकी भरे मैसेज भी मोबाइल में मिले हैं. इसी कारण से घटना में उनकी संलिप्तता होने का संदेह है. आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया कि घटना के एक महीने पहले कट्टे को गांव के ही साथी से 1500 रुपये में खरीदा था.
कट्टा बेचने वाले की तलाश में जुटी पुलिस
पुलिस कट्टा बेचने वाले आरोपी की तलाश में जुट गई है. स्कूल के बच्चों ने बताया कि आरोपी छात्र स्कूल बहुत कम आता था, लेकिन स्कूल से अनुपस्थित रहकर स्कूल के आसपास ही घूमता था. छात्राओं से छेड़छाड़ भी वह करता था. इस बात की शिकायत क्लास टीचर सहित प्राचार्य से की थी. इस बात को लेकर प्राचार्य ने उसे कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माना और यह घटना कर दी. शनिवार को पोस्टमार्टम करने के बाद प्राचार्य के शव को परिजनों को सौंप दिया है.
जिद्दी किस्म का था आरोपी छात्र
आरोपी के दादा बोले की समझदार होता तो अपने पिता को गोली नहीं मारता पिता और मास्टर एक ही बराबर होते है. मेरी बहू और उसकी मां मजदूरी करके उसकी पढ़ाई करवा रही थी. मैं तो यह भी कह रहा हूं कि ऐसा गलत काम किया है. कभी जीवन में वह लौट कर भी ना आए, जेल में ही रहे हमेशा. आरोपी की मां का कहना है कि वह जिद्दी किस्म का था. मगर यह नहीं पता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगा.
आरोपी को भेजा बाल सुधार
पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक अगम जैन का कहना है कि घटना में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. शुरूआती जांच में एक ही नाबालिग का नाम आया था और शनिवार को उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था, तो वही दूसरे छात्र से भी संदेह के दायरे में होने के चलते पूछताछ लगातार जारी है, जो भी तथ्य पूछताछ में आएंगे उसके बाद आगे की जांच की जाएगी.
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