खबर मध्यप्रदेश – जबलपुर: गुरुकुल स्कूल के छात्रों में बमबाजी, विवाद के बाद एक छात्र के घर फेंका सुतली बम; 3 अरेस्ट – INA
मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्कूली विवाद के कारण हिंसक घटना का मामला सामने आया है. गुरुकुल स्कूल के छात्रों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि कुछ छात्रों ने मिलकर बम फेंकने की वारदात को अंजाम दिया. यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा कि बम फेंककर छात्रों ने इलाके में दहशत फैलाने का प्रयास किया है.
दरअसल मामला जबलपुर जिले के धनवंतरि नगर पुलिस चौकी अंतर्गत गुरुकुल स्कूल के छात्रों के बीच हुए विवाद से जुड़ा है. पीयूष करोसिया नामक छात्र ने अपने साथी दशरथ बाल्मीकि और एक अन्य नाबालिग छात्र के साथ मिलकर बम फेंकने की घटना को अंजाम दिया. सात दिसंबर को पीएनटी कॉलोनी निवासी नीलेश राय के घर और कॉलोनी के कमेटी हॉल के पास बम फेंके गए.
पुलिस जांच में पता चला कि छात्रों के आपसी मनमुटाव के कारण बम फेंकने की घटना को अंजाम दिया गया. गुरुकुल स्कूल के छात्रों में किसी बात को लेकर पहले से ही तनाव था, जो सात दिसंबर को हिंसक रूप में बदल गया. आरोपियों ने घरों और सार्वजनिक स्थान पर बम फेंककर लोगों को दहशत में फैलाने का प्रयास किया. घटना के दौरान आरोपी छात्रों की हरकतें आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गईं.
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
धनवंतरि नगर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उन्हें हिरासत में ले लिया. धनवंतरि नगर थाना में एएसआई के पद पर तैनात अनिल सिंह परिहार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है कि तीनों छात्रों ने वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने पीयूष करोसिया, दशरथ बाल्मीकि और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
पटाखों से बनाए थे बम
पुलिस ने यह भी बताया कि बम साधारण पटाखों से बनाए गए थे, लेकिन यह घटना क्षेत्र में भय फैलाने का प्रयास में की गई. इस घटना ने स्थानीय लोगों और अभिभावकों के बीच चिंता बढ़ा दी है. स्कूली छात्रों द्वारा इस तरह की हिंसक गतिविधि में शामिल होना समाज के लिए गंभीर विषय है.
पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है. जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके. पुलिस ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और उन्हें सही दिशा दिखाने में भूमिका निभाएं. इस घटना से यह साफ है कि बच्चों को सही मार्गदर्शन और अनुशासन सिखाने की आवश्यकता है.
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