खबर मध्यप्रदेश – मध्य प्रदेश शीतकालीन सत्र: सवाल पूछने में विधायक नहीं ले रहे रुचि, 56 विधायकों ने नहीं पूछा एक भी सवाल – INA
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो गई है. ये साल 2024 का आखिरी विधानसभा सत्र है. 20 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में पांच बैठकें होंगी. इस सत्र में 142 विधायकों ने कुल 1766 सवाल पूछे हैं, जबकि 56 विधायकों ने तो एक भी सवाल नहीं पूछा है. चुनाव के दौरान वोट बटोरने के खातिर रैलियों, सभाओं में खूब गरजने वाले माननीय विधानसभा में जनता के मुद्दे उठाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. अपने क्षेत्र और प्रदेश के जनहित के तमाम मुद्दे होने के बावजूद उन्होंने सदन में सरकार से सवाल पूछने में रुचि नहीं दिखाई.
एक साल में विधानसभा के तीन सत्र होते हैं. कुल 163 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने तीनों सत्र में लगातार सवाल नहीं पूछे हैं. इन में बीजेपी विधायकों की संख्या 143 और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 20 है. भारत आदिवासी पार्टी के एक मात्र विधायक ने तीनों सत्र में सवाल पूछे हैं.
56 विधायकों ने नहीं पूछे सवाल
वहीं, 16 दिसंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में 142 विधायकों ने कुल 1766 सवाल पूछे हैं. इनमें भी 37 विधायक ऐसे हैं जिन्होंने पांच दिन के सत्र में 20 सवाल पूछे हैं. दरअसल, एक विधायक एक दिन में अधिकतम 4 सवाल पूछ सकता है. जिन 56 विधायकों ने एक भी सवाल नहीं पूछा उनमें बीजेपी के कद्दावर नेता कहलाने वाले दो पूर्व मंत्री जयंत मलैया और भूपेंद्र सिंह भी शामिल हैं. हालांकि, भूपेंद्र सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की सूचना दी है.
विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री मंडल के 31 मंत्रियों को छोड़ दिया जाए तो बाकी के 198 विधायकों में से 142 विधायकों ने कुल 1766 सवाल पूछे हैं. इनमें से बीजेपी के 83 तो कांग्रेस के 58 विधायक शामिल हैं. भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार ने इस सत्र में भी सवाल पूछे हैं. खास बात ये है कि बीजेपी और कांग्रेस के 37 विधायकों ने एक दिन में 4 सवाल पूछे हैं. इनमें से कांग्रेस के 24 तो बीजेपी के 12 विधायक हैं.
शीतकालीन सत्र में कुल 1766 सवाल पूछे गए
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कुल 1766 सवाल लगे हैं. इनमें से 1070 सवाल विधायकों ने ऑनलाइन लगाए हैं, जबकि 697 सवाल ऑफलाइन लगाए हैं. तारांकित सवाल 888 और अतारांकित सवाल 878 है. इस सत्र में चालू वित्त वर्ष का अनुपूरक बजट भी पेश होगा.
मध्य प्रदेश विधानसभा का रिकॉर्ड देखे तो पता चलता है कि 1998 से लेकर जुलाई 2024 तक इन 26 सालों में बैठकों की संख्या 93% घट गई है. सत्र में सवाल उठाने वाले विधायकों की संख्या देखे तो केवल 10 फीसदी विधायक ही सवाल पूछ पाते हैं.
नए विधायकों को नहीं मिली प्रैक्टिकल ट्रेनिंग
16वीं विधानसभा में 230 में से 70 नए विधायक हैं. इनमें से कांग्रेस के 24, बीजेपी के 45 और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का एक विधायक है. नए विधायक ज्यादा से ज्यादा सवाल करें इसके लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने एक नया नवाचार किया था. उन्होंने व्यवस्था बनाई थी कि सत्र में एक दिन ऐसा होगा जब प्रश्नकाल के दौरान केवल नए विधायक ही सवाल पूछेंगे, जिससे नए विधायकों को कुछ सीखने को मिलेगा. साल 2023 के बजट सत्र के दौरान 15 मार्च को ऐसा पहली बार किया भी गया था. हालांकि, नए विधायकों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग नहीं मिली है.
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