खबर बाजार -Bajaj Finance के विदेशी निवेशकों को लगने जा रहा है टैक्स का बड़ा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला – #INA

बजाज फाइनेंस के स्टॉक्स में 2018 से पहले निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को टैक्स का बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, बजाज फाइनेंस ने पिछले हफ्ते स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर इश्यू का ऐलान किया। कंपनी 1:2 स्टॉक स्प्लिट और 4:1 के अनुपात में बोनस शेयर इश्यू करेगी। कंपनी बीते 9 साल में पहली बार बोनस शेयर देने जा रही है। लेकिन, विदेशी निवेशकों को इससे टैक्स का बड़ा झटका लग सकता है।

ग्रैंडफादरिंग के प्रावधान बढ़ाएंगे मुश्किल

Bajaj Finance के शेयरों में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों और ग्रैंडफादरिंग प्रोविजन से बड़ा झटका लग सकता है। सरकार ने ग्रैंडफादरिंग प्रोविजन का ऐलान 2018 में किया था। इससे लिस्टेड कंपनियों के शेयर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स के दायरे में आ गए। इस नियम के तहत जिन इनवेस्टर्स ने लिस्टेड कंपनी के शेयरों में 31 जनवरी, 2018 से पहले निवेश किया है, उन्हें स्टॉक की फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) पर एलटीसीजी का कैलकुलेशन करने की इजाजत है। इस नियम की वजह से निवेशकों पर एलटीसीजी टैक्स का बोझ काफी घट जाता है। लेकिन, मुश्किल यह है कि यह नियम बोनस शेयरों पर लागू नहीं होता है। बोनस शेयरों को फ्रेश एलॉटमेंट माना जाता है। इनकी एक्विजिशन कॉस्ट जीरो मानी जाती है।

बोनस शेयरों को बेचने पर चुकाना पड़ेगा ज्यादा टैक्स

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम की वजह से हर एक शेयर पर चार बोनस शेयर मिलने पर विदेशी निवेशकों पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाएगा। एक एक्सपर्ट ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “स्टॉक स्प्लिट की तरह बोनस शेयरों को ग्रैंडफादरिंग क्लॉज के तहत FMV स्टेप-अप बेनेफिट नहीं मिलता है। इसका मतलब है कि विदेशी निवेशकों के लिए ऐसे शेयरों की एक्विजिशन कॉस्ट जीरो मानी जाएगी। इससे विदेशी निवेशक जब इन शेयरों को बेचेंगे तब कुल सेल वैल्यू पर उन्हें टैक्स चुकाना पड़ेगा।”

एक साल से पहले बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा

इसका मतलब यह है कि अगर किसी इनवेस्टर ने 2018 से पहले बजाज फाइनेंस के स्टॉक्स खरीदे हैं तो बोनस शेयरों को बेचने पर होने वाला कुल कैपिटल गेंस टैक्स के दायरे में आएगा। चूंकि, कंपनी बोनस शेयर निवेशकों को 2025 में इश्यू कर रही है, जिससे उन्हें नया एसेट माना जाएगा। अगर इन शेयरों को एलॉटमेंट के एक साल के अंदर बेचा जाता है तो उस पर 20 फीसदी का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा।

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बोनस शेयर के एलॉटमेंट की तारीख के आधार पर लगता है टैक्स

प्राइस वाटरहाउस एंड को एलएलपी के पार्टनर सुरेश स्वामी ने कहा, “बोनस शेयरों पर टैक्स के नियमों पर इनवेस्टर्स कई बार चिंता जता चुके हैं। एलॉटमेंट की तारीख के आधार पर टैक्स के कैलकुलेशन की वजह से टैक्स का बोझ बढ़ जाता है। अगर इन शेयरों को एलॉटमेंट के एक साल के अंदर बेचा जाता है तो उन पर लगने वाला टैक्स 12.5 फीसदी की जगह 20 फीसदी होता है। यह अनुचित है। इनवेस्टर्स के पास कई साल से कंपनी के शेयर हो सकते हैं। लेकिन बोनस शेयर मिलते ही वे अचानक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। ” बजाज फाइनेंस का शेयर 6 मई को 1.24 फीसदी गिरकर 8,822 रुपये पर चल रहा था।

पवन बुरुगुला

Bajaj Finance के विदेशी निवेशकों को लगने जा रहा है टैक्स का बड़ा झटका, जानिए क्या है पूरा मामला


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