खबर बाजार -Budget Stocks: बजट के बाद वापसी करेंगे ये धराशायी शेयर? इन बड़े ऐलानों से भर सकते हैं तेज उड़ान – #INA

Budget Stocks: क्या बजट के बाद कंजम्प्शन शेयरों में फिर से तेजी आएगी? शेयर बाजार से जुड़े लोगों की खासतौर से इस पर नजरें होंगी क्योंकि बाजार में आई इस हालिया गिरावट के पीछे कंज्म्पशन ग्रोथ में सुस्ती को एक अहम कारण माना जा रहा है। कंपनियों के प्रदर्शन और तिमाही नतीजों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। कमजोर डिमांड की वजह से इन कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ सिंगल डिजिट में आ गई है।

इसके चलते पिछले एक साल में कंजम्प्शन स्टॉक्स में गिरावट देखी गई है। अब सरकार के सामने चुनौती है कि वह बजट में इस बार खपत को बढ़ाने के लिए कुछ बड़े उपाय करें। क्या इस बार कुछ ऐसा हो सकता है?

कोरोना महामारी के बाद से सरकार ने खपत बढ़ाने के लिए अपना खर्च बढ़ाने के साथ ही फिस्कल डेफिसिट को नियंत्रण में रखने की पॉलिसी अपनाई थी। लेकिन टैक्स में राहत जैसी खपत को सीधे बढ़ावा देने वाली नीतियां अब तक नहीं अपनाई गई हैं। अब केंद्र सरकार के सामने चुनौती है वह अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर को संतुलित रखने के साथ ही खपत को बढ़ावा दे।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट में प्राथमिकता खपत पर नहीं बल्कि रोजगार और आय के साधन बढ़ाने पर हो सकती है, जिससे खपत में धीरे-धीरे सुधार आएगा। पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण मांग कमजोर रही, लेकिन 2024 के अच्छे मॉनसून ने तस्वीर बदल दी। दोपहिया वाहन, खाद और ट्रैक्टर की मांग में बढ़ोतरी हुई। ग्रामीण इलाकों में ग्रीनशूट्स दिखने लगे हैं। लेकिन पिछले साल की दूसरी छमाही से शहरी इलाकों में मांग सुस्त होने लगी है। खासकर मेट्रो शहरों में। ऊंची महंगाई दर, अनसेक्योर्ड लोन की कमी और सरकारी पूंजीगत खर्च में सुस्ती के चलते शहरी इलाकों में मांग कमजोर हुई है।

इसमें बदलाव लाने के लिए टैक्स में छूट की मांग हो रही है। कुछ ब्रोकरेज फर्म्स और मार्केट एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर बजट में इनकम टैक्स में छूट मिलती है, तो लोगों के हाथ में अधिक डिस्पोजेबल इनकम आएगी। यह एफएमसीजी और अन्य कंज्यूमर गुड्स की मांग बढ़ा सकता है। हालांकि, यह केवल अटकलें हैं। अगर इस तरह की घोषणाएं होती हैं, तो इसका असर कंजम्प्शन सेक्टर पर तुरंत दिखाई देगा।

एक और महत्वपूर्ण पहलू है रोजगार निर्माण। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर और पब्लिक वेलफेयर स्कीम्स पर जोर दिया जा सकता है। सरकार की तरफ से रोजगार निर्माण के लिए नई योजनाओं की घोषणा संभव है। ये नीतियां आय बढ़ाने और खपत को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, इसका प्रभाव धीरे-धीरे देखने को मिलेगा।

FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी ब्रिटानिया ने अपने सितंबर तिमाही के नतीजों में बताया कि शहरी मांग कुल मांग का 30% है, लेकिन इसका स्लोडाउन प्रभाव 2.4 गुना अधिक है। इसका मतलब है कि शहरी खपत की रिकवरी बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, ग्रामीण मांग में सुधार की निरंतरता भी जरूरी होगी। बाजार के जानकार मानते हैं कि अगर बजट में मिडिल-क्लास के लिए टैक्स में कुछ बड़े छूट मिलते हैं, तो कंजम्प्शन स्टॉक्स को बड़ा फायदा हो सकता है।

साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए किसी भी वेलफेयर स्कीम्स से FMCG और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में मांग बढ़ सकती है। हालांकि, अगर सरकार फिस्कल डेफिसिट को 4.5% के भीतर सीमित रखना चाहती है, तो कंजम्प्शन और कैपेक्स में बढ़ोतरी सीमित हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स HUL, Britannia, Godrej Consumer, Dabur, ITC और टाटा कंज्यूमर जैसे स्टॉक्स पर खास तौर पर फोकस करने की सलाह दी है।

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Budget Stocks: बजट के बाद वापसी करेंगे ये धराशायी शेयर? इन बड़े ऐलानों से भर सकते हैं तेज उड़ान


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