खबर बाजार -Experts views : लड़ाई के ज्यादा भड़कने पर बाजार में बड़ी गिरावट का डर, बहुत आक्रामक पोजीशन लेने से बचें – #INA

Market trend : 9 मई को भारतीय इक्विटी इंडेक्स कमजोर रुख के साथ बंद हुए। निफ्टी 24,000 पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 880.34 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,454.47 पर था और निफ्टी 265.80 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,008 पर बंद हुआ था। भारत-पाक तनाव के बीच बाजार में तीन सप्ताह से जारी तेजी रुक गई। वीकली बेसिस पर देखें तो सेंसेक्स, निफ्टी और मिडकैप इंडेक्स में 1 फीसदी की गिरावट रही। निफ्टी बैंक में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इस सप्ताह लगभग 40 निफ्टी शेयरों ने निगेटिव रिटर्न दिया।

आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल

कोटक सिक्योरिटीज के टेक्निकल रिसर्च वाइस प्रेसीडेंट अमोल अठावले का कहना है कि 9 मई को बीते हफ्ते के दौरान बाजार को ऊपरी स्तरों से लगातार बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा। तकनीकी रूप से निफ्टी ने वीकली चार्ट पर एक लॉन्ग बियरिश बनाई है और यह 200-डे एसएमए (सिंपल मूविंग एवरेज) के सपोर्ट जोन के पास भी कारोबार कर रहा है।

अठावले ने आग कहा कि जब तक बाजार 24,150/79900 के स्तर से नीचे रहेगा, तब तक कमजोरी की भावना जारी रहने की संभावना है। नीचे की ओर, यह 23,800/78800 के स्तर को फिर से छू सकता है। आगे भी गिरावट जारी रह सकती है। इसके चलते बाजार को 23,600/78200 तक गिर सकता है। दूसरी ओर 24,150/79900 से ऊपर की चाल एक बाजार में फिर से तेजी ला सकती है। रैली। इस स्तर से ऊपर जाने पर बाजार 24,350-24,450/80500-80800 तक वापस उछल सकता है।

बैंक निफ्टी पर बात करते हुए अमोल ने कहा कि बैंक निफ्टी के लिए, 20-डे एसएमए या 54,000 का स्तर काफी अहम है। यह स्तर शॉर्ट टर्म ट्रेडरों के लिए ट्रेंड डिसाइडर के रूप में काम करेगा। इस स्तर से नीचे जाने पर बैंक निफ्टी 53,000-52,650 तक गिर सकता है। इसके विपरीत, 54,000 से ऊपर की चाल इस इंडेक्स को 54,800-55,000 तक पहुंचा सकती है। वर्तमान बाजार की बनावट अनिश्चित और अस्थिर है। ऐसे में शॉर्ट टर्म ट्रेडरों के लिए लेवल बेस्ड ट्रेड एक आदर्श रणनीति होगी।

Market next week : सीमा पर तनाव के चलते तीन हफ्तों से जारी बढ़त का सिलसिला टूटा, जानिए अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष की आशंका थी लेकिन बाजार को यह उम्मीद नहीं थी कि स्थिति और गंभीर हो जाएगी। अब इस लड़ाई की अवधि को लेकर चिंताएं बढ़ गईं हैं। हालांकि, भारत की स्ट्रेटीजिक बढ़त और पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए। इस लड़ाई को छोटी अवधि का टकराव माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक कल तक भारतीय बाजार में निवेश करते रहे, जबकि खुदरा निवेशक इस समय थोड़े सतर्क बने हुए हैं।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से बाजार दबाव में आ गया। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ा दी है। इंडिया VIX में आए उछाल से यह बात साफ होती है। निवेशकों को सलाह है कि वे स्टॉक-स्पेसिफिक नजरिया अपनाएं तथा स्थितियों के साफ होने तक आक्रामक तरीके के खरीदारी करने से बचें। शॉर्ट टर्म जोखिम से बचने के लिए एक सुरक्षित रणनीति अपनाए। भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीबी से नजर रखें।

मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि घरेलू कारणों ने भारतीय बाजार पर दबाव बनाए रखा। हालांकि ग्लोबल मार्केट में मजबूती कायम रही। भारत-पाक संघर्ष के कारण निवेश सतर्क नजर आ रहे हैं। ट्रेडर्स भी जोखिम उठाने से बच रहे है। अगर वीकेंड युद्ध बढ़ जाता है तो अगले सप्ताह बाजार में बड़ी बिकवाली शुरू हो सकती है।

डिस्क्लेमर: हमारी वेबसाइट पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Experts views : लड़ाई के ज्यादा भड़कने पर बाजार में बड़ी गिरावट का डर, बहुत आक्रामक पोजीशन लेने से बचें


देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,

#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News