खबर बाजार -Experts views : शॉर्ट टर्म में बाजार पर दबाव कायम रहने की उम्मीद, निफ्टी के लिए 23800 पर अहम सपोर्ट – #INA

Stock markets : भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और मिले-जुले तिमाही नतीजों के बीच 25 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 588 अंक (0.74%) गिरकर 79,212 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 207 अंक (0.86%) गिरकर 24,039 के अहम स्तर के करीब बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में बढ़त रही। जिसके कारण नियंत्रण रेखा पर जवाबी गोलीबारी हुई और भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया। इस जियो-पोलिटिकल जोखिम ने निवेशकों को डरा दिया जिससे बड़े स्तर पर बिकवाली आई। वोलैटिलिटी इंडेक्स में 6 फीसदी की बढ़त हुई। ये निवेशकों में बढ़ते डर का संकेत है। स्मॉल और मिडकैप शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्सों में आई गिरावट ने इन सेक्टरों के महंगे वैल्यूएशन की चिंता को बढ़ा दिया है। हालांकि आईटी शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया,जिससे कुछ राहत मिली।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का कहना है कि भारतीय इक्विटी बाजारों में साप्ताहिक आधार पर बढ़त देखने को मिली है। 25 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी और सेंसेक्स 30 दोनों इंडेक्सों में करीब 1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। मिड-कैप, स्मॉल-कैप और अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्सों में साप्ताहिक बढ़त देखने को मिली। कुल मिलाकर बाजार की स्थिति सकारात्मक रही। पिछले कुछ हफ्तों के बड़े अंडरपरफॉर्मेंस के बाद, आईटी इंडेक्स ने इस हफ्ते वापसी की और मजबूत प्रदर्शन किया। टैरिफ वॉर की चिंताओं से थोड़ी राहत के बाद इस हफ्ते ऑटो स्टॉक में भी बढ़त देखने को मिली है।
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ में कमी आने की उम्मीदों के कारण ग्लोबल इक्विटी बाजारों में भी राहत की रैली जारी रही। इस हफ्ते एफआईआई की खरीदारी पॉजिटिव रही। इससे भारतीय इक्विटी बाजार को सपोर्ट मिला। निकट से मध्यम अवधि में शेयर बाजार का रुख वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के नतीजों, कंपनियों के मैनेजमेंट की टिप्पणियों, भू-राजनीतिक घटनाओं और टैरिफ से जुड़ी खबरों से तय होगा। तेल की कीमतों में नरमी,सामान्य मानसून की उम्मीद और ब्याज दरों में कटौती भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए पॉजिटिव है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि जियो-पोलिटिकल अनिश्चितता बढ़ने से निवेशकों ने जोखिम से बचने का तरीका अपनाया है। इससे हाल ही में आए उछाल के बाद मुनाफावसूली शुरू हो गई है। इसके अलावा तेज बढ़त के बाद बाजार थोड़ा महंगा भी हो गया है। इससे ट्रेडरों ने जोखिम से दूर रहने का रुख अपना लिया है। अब निफ्टी को तेजी बनाए रखने के लिए 23,800 के स्तर से ऊपर बने रहना होगा। ऐसा न करने पर आगे मुनाफावसूली बढ़ सकती है। मौजूदा माहौल को देखते हुए ट्रेडरों को सतर्क रुख बनाए रखते हुए मौजूदा पोजीशन के लिए हेजिंग की रणनीति अपनाने की सलाह होगी।
Market Next week : इंडेक्स में सुस्ती के बावजूद इन स्मॉलकैप शेयरों ने दिया डबल डिजिट रिटर्न, जानिए आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि डेली चार्ट पर कंसोलीडेशन के बाद निफ्टी में गिरावट आई है। ये मंदी की भावना में बढ़त का संकेत है। इसके अलावा इंडेक्स अपने 200-डीएमए से नीचे गिर गया है ये भी कमजोरी बढ़ने की ओर इशारा कर रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, निवेशकों की भावना कमजोर बनी हुई है। शॉर्ट टर्म में बाजार पर मंदी का प्रभाव जारी रहने की संभावना है। इससे निफ्टी में और गिरावट आ सकती है। निचले स्तरों पर निफ्टी के लिए 23800/23515 पर सपोर्ट दिख रहा है।
डिस्क्लेमर: हमारी वेबसाइट पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
Experts views : शॉर्ट टर्म में बाजार पर दबाव कायम रहने की उम्मीद, निफ्टी के लिए 23800 पर अहम सपोर्ट
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,