खबर बाजार -Nifty Stocks: निफ्टी के लिए कैसे चुने जाते हैं शेयर? इन 2 स्टॉक्स को लेकर आने वाली है बड़ी खबर – #INA
Nifty Stocks: शेयर बाजार की जब भी बात होती है, सबसे अधिक चर्चा सेंसेक्स और निफ्टी की होती है। पिछले साल दिसंबर में जोमैटो के शेयर सेंसेक्स में शामिल हुए थे। लेकिन अब एक और बड़ी खबर यह आ रही है कि जोमैटो (Zomato) के शेयर को मार्च महीने निफ्टी में भी शामिल किया जा सकता है। इस लिस्ट में यह अकेली कंपनी नहीं है। ब्रोकरेज फर्मों के मुताबिक, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) के शेयर भी निफ्टी-50 में शामिल हो सकते हैं।
ब्रोकरेज फर्म JM फाइनेंशियल का कहना है कि इस बार मार्च के बदलाव में जोमैटो और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर निफ्टी में शामिल हो सकते हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि इन दोनों शेयरों का शामिल करने के लिए ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के शेयर निफ्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो यह जोमैटो और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर के लिए काफी फायदे की बात हो सकती है। JM फाइनेंशियल का कहना है कि इस बदलाव के पैसिव म्यूचुअल फंड्स और ETF को जोमैटो के शेयर में 5,350 करोड़ रुपये और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर में करीब 3,075 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर BPCL और ब्रिटानिया घाटे में रह सकती हैं क्योंकि इनसे इंडेक्स फंड करीब 1,800 करोड़ रुपये और 1,950 करोड़ रुपये की निकासी कर सकते हैं।
निफ्टी 50 में स्टॉक्स का चयन कैसे होता है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इसके लिए कंपनियों की पिछले 6 महीने के औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आंकड़े को देखता है। इसमें पहली अवधि 1 फरवरी से 31 जुलाई तक की होती है, जिसके आधार पर सितंबर में बदलाव किया जाता है। वहीं दूसरी अवधि 1 अगस्त से 31 जनवरी तक की होती है, जिसके आधार पर मार्च में इंडेक्स में बदलाव किया जाता है।
फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या है?
फ्री-फ्लोट मार्केट कैप का मतलब है वह मार्केट वैल्यू, जो पब्लिक के लिए ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो। इसमें प्रमोटर्स की होल्डिंग और दूसरे प्रतिबंधित शेयर शामिल नहीं होते।
उदाहरण के लिए:
– स्टॉक A का कुल मार्केट कैप ₹1 लाख करोड़ है, लेकिन प्रमोटर्स के पास 50% होल्डिंग है। इसका फ्री-फ्लोट मार्केट कैप ₹50,000 करोड़ होगा।
– स्टॉक B का कुल मार्केट कैप ₹80,000 करोड़ है, जिसमें प्रमोटर्स की होल्डिंग 30% है। इसका फ्री-फ्लोट मार्केट कैप ₹56,000 करोड़ होगा।
ऐसी स्थिति में, भले ही स्टॉक A का कुल मार्केट कैप ज्यादा है, लेकिन निफ्टी के लिए स्टॉक B को चुना जाएगा क्योंकि उसका फ्री-फ्लोट मार्केट कैप ज्यादा है।
इसके अलावा एक और पैमाना यह है कि निफ्टी में शामिल होने से पहले उस कंपनी के शेयर डेरिवेटिव्स सेगमेंट यानी F&O में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होने चाहिए।
निफ्टी-50 में इससे पहले आखिरी बार बदलाव पिछले साल हुआ था और उस वक्त इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा ग्रुप के शेयर ट्रेंट का शामिल किया गया था। वहीं एलटीआई माइंडट्री और डिविस लैब्स के शेयर इससे बाहर हुए थे। फिलहाल निफ्टी के अगले बदलाव में कौन से शेयर शामिल होंगे, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है। NSE फरवरी में इसका ऐलान करेगा, और ये बदलाव 31 मार्च 2025 से लागू हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें- Gainers & Losers: इन 10 शेयरों से बना फटाफट तगड़ा पैसा, इस कारण इंट्रा-डे में रही जोरदार हलचल
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।
Nifty Stocks: निफ्टी के लिए कैसे चुने जाते हैं शेयर? इन 2 स्टॉक्स को लेकर आने वाली है बड़ी खबर
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,