खबर बाजार -आईपीओ ला रही कंपनियों को सेबी का झटका, इन डिटेल्स का करना होगा खुलासा – #INA
SEBI’s intervention in SME IPO Market: जल्द ही लिस्ट होने की तैयारी कर रही कुछ कंपनियों को बाजार नियामक सेबी (SEBI) को तगड़ा झटका दिया है। सेबी ने इन कंपनियों से कहा है कि आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल होने के बाद से किसी व्हिसलब्लोअर या कंपनी इनसाइडर या किसी अंजान शख्स ने कंपनी या इसके प्रमोटर्स के खिलाफ कोई भी शिकायत की है तो उसका खुलासा करें। सेबी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब हाल ही में इसने दो कंपनियों के आईपीओ को रोक दिया था क्योंकि व्हिसलब्लोअर ने आईपीओ के ड्राफ्ट में कुछ खुलासे नहीं होने की शिकायत की थी।
दो महीने में दो कंपनियों के आईपीओ पर सेबी का डंडा
पिछले दो महीने में सेबी ने व्हिसलब्लोअर के फर्जीवाड़े और अधूरे खुलासे के आरोपों पर दो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) के आईपीओ को रोक दिया। रोजमेर्टा डिजिटल सर्विसेज का एसएमई सेगमेंट का सबसे बड़ा 206 करोड़ रुपये का आईपीओ 16 नवंबर को खुलना था लेकिन फिर सेबी को प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों के खिलाफ कई शिकायतें मिली। इसके अलावा अधूरे खुलासे की भी शिकायतें आई। बाद में कंपनी ने अपनी आईपीओ योजना को रद्द कर दिया।
वहीं ट्राफिकसोल (Trafiksol) का मामला तो और दिलचस्प है। इसका आईपीओ खुलकर बंद हो चुका था और अब लिस्टिंग की तैयारी हो रही थी। हालांकि फिर शेल एंटिटी और आईपीओ ड्राफ्ट में गलत जानकारी के व्हिसलब्लोअर के आरोपों पर सेबी ने कार्रवाई की। सेबी ने कंपनी को निवेशकों का पूरा पैसा लौटाने को कहा।
अब किन कंपनियों पर SEBI सख्त
आमतौर पर सेबी एसएमई आईपीओ को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं करता है। यह न ही इन्हें मंजूरी देता है और न ही खारिज करता है लेकिन इसकी नजर रहती है। हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए जिनमें सेबी ने कंपनियों को शिकायतों को लेकर खुलासे को कहा और इस पर कंपनियों ने भी काम किया। जैसे कि डेंटा वाटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस ने हाल ही में अपने ऑफर डॉक्यूमेंट में कुछ डिटेल्स जोड़ी थी। कंपनी ने अपने डिस्क्लोजर में प्रमोटर्स में शुमार सी मृत्युंजय स्वामी के खिलाफ पुराने मामले की जानकारी जोड़ी थी। मृत्युजंय के खिलाफ मामले की जांच ईडी कर रही थी और यह जून 2022 में बंद हो गया था। कंपनी ने कहा कि शिकायत किसने की था, उसे नहीं पता। कंपनी ने यह भी कहा कि शिकायत कुछ खास नहीं थी लेकिन सेबी के निर्देश पर इससे जुड़ी जानकारी आईपीओ के ऑफर डॉक्यूमेंट में जोड़ी गई।
पिछले हफ्ते स्मार्टवर्क्स कोवर्किंग स्पेस ने भी आईपीओ ड्राफ्ट के डिस्क्लोर में अपने प्रमोटर्स के खिलाफ कई अंजान शिकायतों की जानकारी जोड़ी। इस मुद्दे पर बाजार नियामक और मर्चेंट बैंकर्स को भेजी गई शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि स्मार्टवर्क्स के प्रमोटरों की ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सहित कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। इन सभी आरोपों पर कंपनी प्वाइंटवाइज जवाब दिया है।
एनालिस्ट्स का क्या है रुझान?
एक निवेश बैंकर का कहना है कि सेबी इस तरह की शिकायतों के प्रति बहुत सतर्क है क्योंकि इनका निवेशकों पर गहरा असर पड़ सकता है। हालांकि अभी तक इन शिकायतों के चलते कोई जांच नहीं शुरू हुई है लेकिन सेबी फिर भी गंभीरता के आधार पर हर मामले की एनालिसिस कर रहा है और कुछ कंपनियों को इन शिकायतों का खुलासा करने के लिए कह रहा है। कुछ मामलों के सामने आने पर कंपनियां अपनी मर्जी से इनका खुलासा भी कर रही हैं। लॉ फर्म जेएसए के पार्टनर अर्का मुखर्जी का कहना है कि डिस्क्लोजर हमेशा सही कदम है और निवेशकों को सही फैसला लेने में मदद करता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कई शिकायतें ऐसी होती हैं, जिनका कंपनी या आईपीओ पर कोई असर नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी ये जानकारियां इतनी अधिक हो जाती हैं कि ओवरऑल प्रभाव क्या होगा, इसका सही से अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।
F&O Segment: इन 6 स्टॉक्स का भी शुरू होगा कॉल-पुट तो 16 का बंद, चेक करें पूरी लिस्ट
आईपीओ ला रही कंपनियों को सेबी का झटका, इन डिटेल्स का करना होगा खुलासा
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,