खबर फिली – आंखों में पट्टी, जहर का इंजेक्शन और फिरौती में 7 लाख… जानें कैसे बीती सुनील पाल की वो काली रात – #iNA @INA

राजधानी दिल्ली में कॉमेडियन सुनील पाल का अपहरण हो गया. दावे के मुताबिक उन्होंने फिरौती के तौर पर साढ़े 7 लाख दे भी दिए. मामले को संजीदगी से समझने के लिए सुनील पाल से बात की गई. इस दौरान उन्होंने उस घटना के बारे में सभी बाते बताई. उन्होंने बताया कि वो फिलहाल अपने घर पर हैं, सुरक्षित हैं लेकिन खतरा अभी कम नहीं हुआ है क्योंकि किडनैपर्स के पास उनकी और परिवारवालों की सारी जानकारी है.

यही वजह है कि अब तक उन्होंने इसकी शिकायत नहीं दर्ज करवाई है. मुंबई पुलिस ने सुनील पाल का बयान दर्ज कर उन्हें 2 दिन का समय दिया है, वो फैसला लेंगे कि उन्हें शिकायत दर्ज करवानी है या नहीं.

15 दिन पहले रैंडम कॉल आया

सुनील पाल ने बताया कि लगभग 15 दिन पहले उन्हें एक रैंडम कॉल आया, उन्होंने कहा कि एक इवेंट करना है, चूंकि वो उस दिन फ्री था तो उन्होंने हामी भर दी. इसके बाद सुनील ने उन्हें पेमेंट बताया तो उन्होंने कहा कि ज्यादा हो जाएगा, फिर उन्होंने पेमेंट कम कर दिया. इतने में उस पार्टा ने एडवांस भेज दिया और साथ ही टिकट भी भेज दी. इसके बाद उन्हें जानकारी दी गई कि इनोवा गाड़ी आएगी और पिक करेगी.

दवा खाने के लिए रास्ते में गाड़ी रोकी

सुनील पाल दरभंगा से दिल्ली शाम 6 बजे लैंड कर गए. एक गाड़ी आई, वो बैठे, और निकल गए. दवा खाने के लिए रास्ते में गाड़ी रोकी, इतने में ही 2 लोग आए और उनसे बोले कि आप दिल्ली में कैसे, फैन हैं, फोटो क्लिक करवानी है. इतने में दोनों ने उनको घसीटा और गाड़ी में बिठा दिया. फिर किडनैपर्स बोले कि उनके पास बंदूक, चाकू सब है, आपको किडनैप हो गए हैं. इसके बाद सुनील पाल ने कहा, ‘मेरी आंखों में पट्टी बांध दी. फिर मुझे एक कमरे में ले गए, आंखें खोली’

जहर का इंजेक्शन हम लोग लगा लेते हैं

सुनील ने आगे बताया कि कमरे में अचानक कई लोग आए, बोले हम जहर का इंजेक्शन लगा लेते हैं, मार के फेंक देते हैं. फिर 20 लाख मांगे, मैंने बोला नहीं है. सुबह तक का समय दिया, मेरे लिए खाना पीना मंगाया, मैंने 10 लाख देने की हामी भरी. मेरा फोन उन्हीं लोगों के पास था. अगले दिन मुझे लेकर सूंसान जगह गए, साढ़े 7 लाख का ट्रांजैक्शन करवाया. मैं गाड़ी के पीछे बंधा रहा , 20 हजार मुझे दिया फ्लाइट से टिकट करवाने के लिए.

मुझसे कहा हम लोग बुरे लोग नहीं है, इंसान अच्छे हैं, मैंने कुछ दूर जाकर पट्टी खोली, तो फिर वो लोग गायब. फिर मैं गाजियाबाद पहंचा. कश्मीरी गेट से ऑटो ली, एयरपोर्ट पहुंचा, फ्लाइट पकड़ी, मुंबई गया फिर पुलिस स्टेशन गया. पुलिस को सारी बात बताई. मैंने केस करने से मना किया, क्योंकि मेरी सारी जानकारी उनके पास है, मेरे परिवार को खतरा है, मैंने पुलिस से सोचने का समय लिया है.


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