खबर फिली – बॉलीवुड वाले सीख लें पुष्पा 2 से बस ये 5 बातें, हर साल मेकर्स को करोड़ों डूबने के बाद खून के आंसू नहीं रोना पड़ेगा! – #iNA @INA

‘पुष्पा 2’ (Pushpa 2) वाले जैसा चाहते थे, अबतक सबकुछ वैसा ही हुआ है. पहले ही दिन तीन बड़े रिकॉर्ड को तोड़ देना आसान काम नहीं है. पर अल्लू अर्जुन और सुकुमार ने मिलकर उन 5 चीजों पर फोकस किया है, जिसके साथ इस वक्त बॉलीवुड वाले मजाक कर रहे हैं. साल 2024 में ऐसी कई बॉलीवुड फिल्में रिलीज हुईं, जिसमे पैसों की बर्बादी की गई है. न कहानी, न बढ़िया स्क्रीनप्ले और न ही प्लानिंग… बस फिल्म बनी, रिलीज हुई और जनता ने ठुकरा दी.

यूं तो बॉलीवुड वालों को अभी पुष्पा 2 के लेवल पर पहुंचने के लिए 5 साल से ज्यादा का वक्त लगेगा. पर इन 5 प्वाइंट्स पर काम अभी से शुरू हो जाना चाहिए, ताकी जो पैसा लगातार डूब रहा है, उसे बचाया जा सके. साथ ही जनता के साथ भी इंसाफ हो और उन्हें कुछ नया देखने को मिल पाए. क्या हैं वो 5 चीजें?

‘पुष्पा 2’ से ये 5 बातें सीखे बॉलीवुड

  • फिल्म की कहानी: यह बात बॉलीवुड स्टार्स भी जानते हैं कि साउथ की कहानी में उनकी फिल्मों से ज्यादा दम है. कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो बॉलीवुड फिल्मों में कहानी पर कुछ नया काम नहीं हो रहा. बस रीमेक बना लो या फिर बस बड़े स्टार्स के चेहरे पर कुछ भी फिल्म रिलीज कर दो. शायद यही उनकी बड़ी हार है, जहां साउथ वाले जीत रहे हैं.
  • सीक्वल पर काम नहीं: जब भी किसी फिल्म के सीक्वल पर चर्चा शुरू होती है, तो मेकर्स के ऊपर डबल जिम्मेदारी होती है. पहले पार्ट को मिले रिस्पॉन्स के बाद उन्हें समझना चाहिए कि जनता को उनसे क्या उम्मीदें हैं. पर बॉलीवुड वालों की यह जानने में दिलचस्पी ही नहीं है. बस सीक्वल बनाने का ट्रेंड चल रहा है, तो बना लो. 200 करोड़ की फिल्म में बड़ा स्टार लेकर कुछ तो कमाई हो ही जाएगी. इस सोच के साथ ही बॉलीवुड आगे बढ़ता दिख रहा है.
  • एक्शन सिर्फ मारधाड़ नहीं: बॉलीवुड के नजरिए से मारधाड़ सिर्फ ”आओ पीटो और चले जाओ” वाले फॉर्मूले से चल रहा है. लेकिन एक्शन भी एक वैलिड प्वाइंट पर ही अच्छा लगता है. बस पूरी फिल्म में मारधाड़ डालकर फिल्म बना दो, तो फिर कैसे चलेगी? ‘पुष्पा 2’ में भी खूब सारा एक्शन देखने को मिला, पर यह एक्स्ट्रा नहीं लग रहा था. बॉलीवुड फिल्मों में जब-जब रॉ वायलेंस दिखाया जाता है, तो फिर सवाल उठने लगते हैं कि फालतू क्यों?
  • स्क्रीनप्ले पर काम: बड़े-बड़े डायलॉग्स भी फिल्म के लिए जरूरी है, पर इससे फिल्में हिट नहीं होतीं. जितना कहानी में दम होना चाहिए, उससे जबरदस्त स्क्रीनप्ले. जैसे जवान की कहानी में कुछ खास नहीं था. पर स्क्रीनप्ले में मेहनत हुई. यूं तो ‘पुष्पा 2’ दोनों ही चीजें में जबरदस्त है. पर बॉलीवुड वालों को इस पर बहुत काम करने की जरूरत है.
  • किरदारों के साथ नाइंसाफी: बॉलीवुड वाले लंबे समय से एक ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं. पर उससे कुछ खास फायदा होता अबतक नजर नहीं आया है. दरअसल एक ही फिल्म में 18 स्टार्स को रख लिया जाता है. फिर जब स्क्रीन टाइम देने की बारी है, तो फिर फिल्म या तो लंबी बना दो या जल्दी जल्दी रोल भगाते दिखो. ऐसा करने से बजट निकल सकता है पर फिल्म अच्छी कैटेगरी में नहीं आती. हर किरदार के साथ न्याय होना चाहिए, वरना कोई फायदा नहीं.

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