खबर फिली – तब्बू की साड़ियां प्रेस कीं, काजोल का स्पॉटबॉय भी रहा, अब ये डायरेक्टर सुपरस्टार्स को फिल्मों में देता है काम – #iNA @INA
संघर्ष के दिनों में जब किसी शख्स को कोई काम नहीं मिलता तो वो किसी भी काम को करने के लिए राजी हो जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ था मशहूर निर्देशक रोहित शेट्टी के साथ. संघर्ष के दिनों में उन्होंने क्या-क्या नहीं किया. लेकिन स्ट्रगल के बाद जब उनका सितारा चमका तो उन्होंने अपनी उंगलियों पर बड़े-बड़े सितारों को नचाया. वो पर्दे पर भले ही न आए हों, लेकिन एक्शन का बादशाह तो उनको ही कहा जाता है. इसके अलावा रोहित शेट्टी फिल्म इंडस्ट्री के गुड लुकिंग और चार्मिंग डायरेक्टर्स में से भी एक हैं.
रोहित शेट्टी को आज के दौर में कौन नहीं जानता. वो बेहतरीन स्टंट्स और एक्शन के लिए जाने जाते हैं. उनकी फिल्मों में हीरो का हेलीकॉप्टर से छलांग लगाना, चलती गाड़ी को गोल घुमा देना और एक के बाद एक गाड़ियां पलटा देना आम है. लेकिन ऐसे सीन्स को वो इस अंदाज में फिल्माते हैं कि इसी के चलते दर्शक पर्दे पर सीटियां और तालियां बजाने पर मजबूर हो जाते हैं. लेकिन रोहित शेट्टी ने मुफलिसी का दौर भी देखा है. जब वो सेट पर स्पॉटबॉय का काम करते थे और तब्बू की साड़ियां प्रेस करते थे. चलिए आपको बताते हैं.
कैसे शुरू हुआ रोहित शेट्टी के परिवार में मुफलिसी का दौर
अगर कोई जीरो से हीरो बनने का सपना देख रहा है, तो उसे एकबार रोहित शेट्टी के संघर्ष की दास्तां जरूर जाननी चाहिए. उनका सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है. रोहित शेट्टी मशहूर स्टंटमैन और फिल्मों में विलेन का रोल निभाने वाले एमबी शेट्टी के बेटे हैं. रोहित शेट्टी की मां का नाम रत्ना है, जिन्होंने फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का काम किया है. रोहित शेट्टी उस वक्त मुंबई के सांताक्रूज इलाके में रहते थे और वहीं पढ़ाई करते थे. रोहित जब महज 5 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया और यहीं से शुरू हुआ मुफलिसी का दौर.
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जब बिक गया रोहित शेट्टी का घर
रोहित शेट्टी के पिता उस वक्त परिवार के लिए कुछ भी छोड़कर नहीं गए थे और इसी वजह से उनकी मां को फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का रोल करना पड़ा था. घर की माली हालत इतनी खराब थी कि उनका घर भी बिक गया था और रोहित को दहिसर में अपनी नानी के घर रहना पड़ता था. अब दहिसर से सांताक्रूज का रास्ता करीब डेढ़ घंटे का था, जिसके लिए उनको काफी पैसे खर्चने पड़ते थे. क्लास 10 तक तो हालत इतनी खराब हो गई थी कि रोहित शेट्टी को पढ़ाई से ज्यादा कमाई की जरूरत महसूस होने लगी थी.
जब प्रेस कीं तब्बू की साड़ियां
उस वक्त रोहित शेट्टी की बहन चंदा ने मशहूर निर्देशक कुक्कू कोहली से रोहित के लिए बात की थी. इसके डेढ़ साल के बाद कुक्कू कोहली ने रोहित को 35 रुपये रोजाना के खर्चे पर काम पर रख लिया था. उस वक्त कुक्कू कोहली अजय देवगन की पहली फिल्म फूल और कांटे बना रहे थे. तब रोहित शेट्टी वो 35 रुपये बचाने के लिए मलाड से अंधेरी के स्टूडियो तक पैदल जाते थे. एक इंटरव्यू के दौरान रोहित शेट्टी ने खुद बताया था कि फिल्म ‘हकीकत’ की शूटिंग के दौरान उन्होंने तब्बू की साड़ियों को प्रेस करने का भी काम किया है. इतना ही नहीं वो काजोल के स्पॉटबॉय भी रह चुके हैं.
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ऐसे चमका रोहित शेट्टी की किस्मत का सितारा
रोहित शेट्टी ने ‘सुहाग’ फिल्म में अक्षय कुमार के बॉडी डबल का भी काम किया है. उस दौर में रोहित शेट्टी के घर के हालात इतने खराब थे कि उनकी मां को अमिताभ बच्चन से पैसे तक उधार लेने पड़े थे, क्योंकि बिग बी, रोहित शेट्टी के पिता के दोस्त थे तो उन्होंने मदद की थी. इसके बाद धीरे-धीरे रोहित शेट्टी का वक्त बदला और लेखक नीरज वोरा रोहित के पास कॉमेडी फिल्म ‘गोलमाल’ की कहानी लेकर आए. रोहित पहले तो ये फिल्म बनाने के लिए राजी नहीं थे, लेकिन फिर फिल्म को उन्होंने अपने हाथ में लिया और ‘गोलमाल’ जबरदस्त हिट रही. इसके बाद तो रोहित शेट्टी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज उनकी फिल्मों में शाहरुख खान, अजय देवगन, तब्बू और काजोल जैसे बड़े-बड़े सितारे काम करते हैं.
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