खबर फिली – Zakir Hussain Death: 6 साल की उम्र में घर से भाग जाना चाहते थे जाकिर, जानें उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से – #iNA @INA

जाकिर हुसैन का निधन हो गया है. दिल से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे जाकिर को अमेरिका के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वो दुनिया के सबसे महान तबला वादकों में से एक थे. एक्टर्स से लेकर म्यूजिशियन तक हर कोई उनका फैन था. तबला वादक होने के साथ-साथ जाकिर हुसैन एक कमाल के म्यूजिक कंपोजर भी थे. उनके बारे में ऐसी कई दिलचस्प बातें हैं, जो शायद ही आप जानते होंगे. तो आइए दुनिया का मनोरंजन करने वाले हुसैन से जुड़े मजेदार किस्से सुनते हैं.

जाकिर की मां को नहीं पसंद था उनका तबला बजाना

जाकिर हुसैन की मां बिल्कुल भी नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा संगीत में अपना करियर बनाए. इस बारे में बात करते हुए जाकिर ने कहा हां कि जब मैंने तबला बजाना शुरू किया था, तब संगीत बनाने वालों को या म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने वालों को न ही इज्जत मिलती थी, न ही उन्हें ठीक से पैसे मिलते थे. मेरी मां ने ये देखा था कि कैसे मैं कॉन्सर्ट में जाता था और पैसों की जगह खाने के पैकेट लेकर घर आ जाता था. पेमेंट की जगह मुझे सिर्फ खाना मिलता था और इसलिए मेरी मां नहीं चाहती थीं कि मैं तबला बजाऊं. वो चाहती थी कि मैं अच्छा काम करूं और खूब पैसे कमाऊं.

कई बार घर से भागने की कोशिश कर चुके थे जाकिर हुसैन

जाकिर हुसैन की मां नहीं चाहती थीं कि वो तबला बजाए और इस वजह से परेशान होकर कई बार जाकिर घर से भागने का मन बना चुके थे. 6 साल की उम्र में जाकिर ने अपने घर की पुजारन को ये तक कह डाला था, कि चलो पुजारन हम भागते हैं और तुम गाना गाना, फिर मैं बजाऊंगा. कई बार छोटे जाकिर घर छोड़ने का फैसला लेकर, अपनी स्कूल बैग भरने लग जाते थे. लेकिन अपने पापा का ख्याल आने की वजह से हर समय उनका प्लान कैंसिल हो जाता था.

खुद को देवी सरस्वती और गणपति भगवान का भक्त मानते थे जाकिर हुसैन

जब भी मुस्लिम परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है, तब पिता उसे हाथ में लिए बच्चे के कान में कुरान की कुछ प्रार्थना कहते हैं. लेकिन जब उस्ताद जाकिर खान का जन्म हुआ, तब उनके पिता उस्ताद अल्लाह रक्खा ने उनके कान में तबले का ताल गाया. उनकी ये हरकत देख जाकिर हुसैन की मां दंग रह गईं. उन्होंने अपने पति से पूछा कि वो ये क्या कर रहे हैं. तब उस्ताद अल्लाह रक्खा ने जवाब दिया कि ये मेरी प्रार्थना है. मैं मां सरस्वती और गणेश भगवान का भक्त हूं और यही मेरी प्रार्थना हैं.

नंबर गेम में नहीं फंसना चाहते थे

जाकिर हुसैन को नंबर गेम बिलकुल पसंद नहीं था. भले ही पूरी दुनिया उन्हें सबसे बेहतरीन तबला वादक मानती हो, लेकिन उनकी सोच नंबर गेम से बहुत अलग थी. इससे जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए उस्ताद जाकिर हुसैन ने कहा,”मुझे याद है हम इमिग्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे. जब उन्होंने जब मुझे देखा, मेरा नाम और पासपोर्ट देखा, तब हमें चेकिंग और सवाल-जवाब के लिए हमें साइड में कर दिया गया. वहां उन्होंने मुझसे पूछा कि आप रवि शंकर को जानते हो? तब मैंने कहा,’हां’. तब उन्होंने मुझे पूछा कि रवि शंकर के बाद नंबर 2 पर कौन है? तब मेरी बीवी ने उनसे कहा कि ये नंबर दो पर हैं, आप उन्हें गूगल कीजिए.”

ये किस्सा सुनाते हुए जाकिर हुसैन बोले,’हम सब नंबर वन और नंबर 2 के पीछे भागते हैं. लेकिन दुनिया में कम से कम 10 से 15 तबला वादक हैं, जो मेरी तरह तबला बजाते हैं और किसी दिन तो वो मुझसे भी अच्छा तबला बजाते हैं.


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