खबर फिली – खुलेआम पत्रकार पर हमला करने वाले मोहन बाबू की गिरफ्तारी नहीं, फिर अल्लू अर्जुन के साथ ऐसा क्यों? – #iNA @INA
संध्या थिएटर मामले में हुई घटना को लेकर 13 दिसंबर को पुलिस ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया. लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि, फिर उन्हें तेलंगाना हाई कोर्ट से जमानत मिल गई. अल्लू अर्जुन ने कार्रवाई में पुलिस का साथ दिया. अल्लू अर्जुन के खिलाफ हुए एक्शन के बाद एक सवाल उठ रहा है कि जब इतनी आनन-फानन में अल्लू अर्जुन के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, वो भी उस घटना के लिए जिसके लिए वो जिम्मेदार भी नहीं तो फिर अब तक मोहन बाबू की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई.
मोहन बाबू साउथ के वही एक्टर हैं, जिन्होंने हाल ही में टीवी9 के पत्रकार रंजीत पर खुलेआम हमला किया था. हमले में रंजीत बुरी तरह घायल हो गए थे और उसकी जाइगोमैटिक की हड्डी तीन जगह से टूट गई. रंजीत अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज जारी है.
मोहन बाबू की अभी तक गिरफ्तारी नहीं
इस मामले को लेकर मोहन बाबू को पुलिस के सामने हाजिर होना था. हालांकि, वो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बताते हुए अस्पताल में भर्ती हो गए. मोहन बाबू के खिलाफ हत्या करने के प्रयास की धारा 109 के तहत केस दर्ज हुआ है. घटना को करीब दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ पुलिस की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है, जबिक ये जगजाहिर है कि उन्होंने पत्रकार का माइक्रोफोन छीनकर उसपर हमला किया. उस दौरान का वीडियो भी सामने आया था.
वहीं दूसरी ओर अगर बात अल्लू अर्जुन के मामले की करें तो 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग होती है. उसी दौरान भगदड़ मचती है और एक महिला की मौत हो जाती है. पुलिस का कहना है कि ऐसे कार्यक्रमों से पहले प्रबंधक को पुलिस अधिकारी से मिलकर जानकारी देनी होती है. लेकिन थिएटर प्रबंधक ने सिर्फ एक लेटर सौंपा और पुलिस अधिकारी से बंदोबस्त के लिए कोई मुलाकात नहीं की.
अल्लू अर्जुन ने की पीड़ित परिवार की मदद
ऐसे में अब बंदोबस्त की व्यवस्था न करने को लेकर पुलिस भी घेरे में है तो वहीं पुलिस थिएटर प्रबंधक को जिम्मेदार ठहरा रही है. हालांकि, इन सबके बीच इस मामले को लेकर अल्लू अर्जुन के खिलाफ कार्रवाई हो गई और कोई लेना-देना न होने के बाद भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस मामले को लेकर अल्लू अर्जुन पीड़ित परिवार से माफी मांग चुके हैं, साथ ही उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की मदद भी की. लेकिन एक तरफ उनके खिलाफ आनन-फानन में एक्शन होता है तो वहीं दूसरी तरफ मोहन बाबू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं.
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