Noida – जेपी इंफ्राटेक के एमडी और सीईओ आलोक चंपक ने दिया इस्तीफा, अब इनके कंधों पर जिम्मेदारी – #INA

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Greater Noida Desk :
जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आलोक चंपक दवे ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने 13 नवंबर 2024 को नियामक फाइलिंग के माध्यम से इस खबर की पुष्टि की है। आलोक चंपक 24 नवंबर 2024 से सीईओ और 30 नवंबर 2024 से प्रबंध निदेशक के पद से मुक्त होंगे। उनके स्थान पर अभिजीत गोहिल को नया सीईओ नियुक्त किया गया है।  

आलोक चंपक दवे का अहम रोल

आलोक चंपक दवे ने 2015 में सुरक्षा समूह में शामिल होकर कंपनी में अपनी सेवाएं शुरू की थीं। वे पिछले छह वर्षों से संकटग्रस्त जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल रहे। उनके नेतृत्व में कंपनी ने विभिन्न परियोजनाओं को गति दी। जिससे 20,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत मिली।  


सुरक्षा समूह की नई दिशा में योगदान

मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने जून 2024 में तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन कर जेपी इंफ्राटेक का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था। यह कदम 24 मई 2024 को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा सुरक्षा समूह की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दिए जाने के बाद संभव हुआ। इस अधिग्रहण के साथ सुरक्षा समूह ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) को 1,334 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने का निर्देश प्राप्त किया था। हालांकि, यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।  

फिलहाल कंपनी की आर्थिक स्थिति

जेपी इंफ्राटेक ने सितंबर 2024 की तिमाही में 88.20 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में 588.31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। हालांकि, कुल आय में गिरावट देखी गई और यह 357.92 करोड़ से घटकर 222.86 करोड़ रुपये रह गई।  

रुकी हुई परियोजनाओं को गति देने की तैयारी

सुरक्षा समूह अब जेपी इंफ्राटेक के रुके हुए आवासीय परियोजनाओं को फिर से शुरू करने और फंसे हुए निवेशकों को राहत देने की दिशा में काम कर रहा है। 20,000 घर खरीदारों के निवेश को सुरक्षित करने और निर्माण प्रक्रिया को तेज करने के लिए धनराशि लगाने की तैयारी की जा रही है।  

एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी

जेपी इंफ्राटेक अगस्त 2017 में आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में दिवाला समाधान प्रक्रिया में गई थी। मार्च 2023 में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी थी। इस प्रक्रिया के दौरान वाईईआईडीए समेत कई पक्षों ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती दी थी। जो एनसीएलएटी के आदेश के बाद तय हुई। बताया जा रहा है कि आलोक चंपक दवे के इस्तीफे के बाद अभिजीत गोहिल के नेतृत्व में कंपनी अपने नए लक्ष्यों की ओर बढ़ेगी।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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