Noida – बैंक लॉकर में रखे 5 लाख रुपये और आभूषण चट कर गई दीमक, पढ़िए गजब की स्टोरी – #INA

Noida News :
सेक्टर-51 स्थित सिटीजन कोऑपरेटिव बैंक के एक लॉकर में रखे 5 लाख रुपये और आभूषणों के डिब्बों को दीमक ने चट कर दिया। जिससे बैंक के ग्राहकों के बीच हड़कंप मच गया है। लॉकर होल्डर ने शाखा प्रबंधक से शिकायत की। जिसके बाद शाखा प्रबंधक ने आरबीआई की गाइडलाइनों के अनुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया। मामले की जांच में दीवार में आई सीलन को दीमक लगने की मुख्य वजह बताया जा रहा है।

दीमक से नष्ट हुए नोट और आभूषण

लॉकर होल्डर ने बताया कि उनके लॉकर में 5 लाख रुपये नकद और कीमती आभूषण रखे हुए थे। जब वे कुछ दिन पहले रुपये निकालने पहुंचे तो सभी नोटों में दीमक लग चुके थे। होल्डर ने बताया कि 2 लाख रुपये के नोट पूरी तरह नष्ट हो गए थे। जबकि 3 लाख रुपये के नोटों में जगह-जगह छेद हो गए थे। जिससे वे अब बाजार में नहीं चल सकते। इसके अलावा कीमती आभूषणों का बॉक्स भी दीमक ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। लॉकर होल्डर ने बैंक पर दबाव बनाते हुए कहा कि 3 लाख रुपये के बचे हुए नोटों को आरबीआई से बदला जाए। इसके बाद बैंक ने अन्य ग्राहकों को भी सतर्क करते हुए अपने-अपने लॉकर चेक करने की सलाह दी।

अन्य ग्राहकों की चिंता

बैंक की इस घटना के बाद कई अन्य ग्राहक भी अपने लॉकर चेक करने पहुंचे। एक अन्य लॉकर होल्डर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बैंक ने उन्हें फोन करके लॉकर चेक करने को कहा है। बैंक की इस लापरवाही से ग्राहकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन की होती है। 

बैंक की लापरवाही

बैंक द्वारा ग्राहकों से लॉकर के लिए 2 हजार से 12 हजार रुपये तक का वार्षिक शुल्क लिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद लॉकर में रखी संपत्ति की सुरक्षा में लापरवाही सामने आई है। आरबीआई के नियमों के अनुसार अगर लॉकर में रखी संपत्ति बैंक की गलती से नष्ट होती है तो लॉकर शुल्क का 100 गुना तक मुआवजा दिया जाना चाहिए। साथ ही लॉकर परिसर को साल में कम से कम दो बार कीटनाशक से ट्रीटमेंट कराया जाना चाहिए, लेकिन इस बैंक शाखा में यह काम नहीं हुआ। जिससे दीमक लग गया।

बैंक प्रबंधन की सफाई

शाखा प्रबंधक आलोक ने स्वीकार किया कि बैंक की दीवार में सीलन की वजह से दीमक ने लॉकर को प्रभावित किया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अन्य लॉकर सुरक्षित हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

आरबीआई गाइडलाइंस का उल्लंघन

नोएडा के एलडीएम इंदु जायसवाल ने बताया कि लॉकर उपभोक्ताओं के लिए होता है। जिससे जरूरी दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, आभूषण और अन्य कीमती वस्तुएं सुरक्षित रख सकें। लेकिन नोट रखना आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। इस मामले में लॉकर होल्डर द्वारा नोट रखना नियमों के खिलाफ है।

Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.

सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

Source link

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science