Noida – लगातार बदहाल हो रही शहर की हवा, आज से लागू हुआ ग्रेप का तीसरा चरण, जानिए क्या रहेंगी पाबंदियां – #INA
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Noida News :
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण से लोगों का बुरा हाल है। पिछले दो दिनो से छा रहे कोहरे और प्रदूषित कणों की अधिकता से स्मॉग बन गया। जिसके कारण दिन भर लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रदूषण को कम करने के लिए अपनाए जा रहे सभी उपाय नाकाफी साबित हो रहें हैं। नोएडा के सेक्टर-62 का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 412 तक पहुंच गया है। जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं ग्रेटर नोएडा का AQI 364 और नोएडा का 359 तक पहुंच गया था। बढ़ते प्रदूषण के असर को कम करने के लिए जनपद में आज से ग्रेप का तीसरा चरण लागू किया गया है। ऐसे में अब लोगों को नई पाबंदियों का सामना भी करना पड़ेगा।
बढ़ सकती हैं स्वास्थ्य समस्याएं
बढ़ते प्रदूषण और छाए कोहरे के कारण दृश्यता भी काफ़ी प्रभावित हुई। सुबह से ही कोहरे के कारण दृश्यता 300 से 400 मीटर तक रह जाती है। कुछ स्थानों पर तो ओर भी कम रह जाती है। जिससे प्रदूषित कण वातावरण में ऊपर नहीं जा सके और वातावरण में स्मॉग बन गया। इस समय न्यूनतम और अधिकतम वायु प्रदूषण के स्तर में इतना बड़ा अंतर पहली बार देखा गया। प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत है। प्रदूषण का यह स्तर क्षेत्रीय निवासियों और पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे गंभीर प्रदूषण स्तरों के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि सांस लेने में कठिनाई, अस्थमा, और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां। प्रदूषण विभाग ने ग्रेप के तीसरे चरण के नियमों का पालन कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इन उपायों का उद्देश्य गंभीर वायु गुणवत्ता की स्थिति के दौरान धूल और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
जानिए किन कार्यो पर रहेंगी पाबंदी
01.
खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम, जिसमें बोरिंग और ड्रिलिंग का काम शामिल है।
02.
पाइलिंग का काम।
03.
सभी विध्वंस कार्य।
04.
ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबल बिछाना।
05.
ईंट, चिनाई का काम।
06.
आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन।
07.
प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग ऑपरेशन।
08.
पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग का काम।
09
. सीमेंट, प्लास्टर और अन्य कोटिंग्स, मामूली इनडोर मरम्मत को छोड़कर।
10.
टाइल, पत्थर और अन्य फ़्लोरिंग सामग्री को काटना, पीसना और ठीक करना, मामूली इनडोर मरम्मत को छोड़कर।
11.
वॉटरप्रूफिंग का काम (रासायनिक वॉटरप्रूफिंग को छोड़कर)।
12.
सड़क निर्माण गतिविधियाँ और बड़ी मरम्मत।
13.
सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंटों आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग या अनलोडिंग।
14.
कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
15.
विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।
16.
स्टोन क्रशर का संचालन।
17.
सभी खनन और संबंधित गतिविधियाँ।
18.
निर्दिष्ट जिलों में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी पर प्रतिबंध।
19.
बीएस-III मानकों या उससे नीचे के दिल्ली-पंजीकृत डीजल एमजीवी पर प्रतिबंध।
20.
बीएस-III और उससे नीचे के डीजल एलसीवी के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर)।
21.
दिल्ली में अंतर-राज्यीय बसों पर प्रतिबंध (सीएनजी, बीएस-VI डीजल और अखिल भारतीय पर्यटक परमिट वाली बसों को छोड़कर)।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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