Noida – प्राधिकरण का 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री के लिए आखिरी नोटिस, आवंटन रद्द करने की चेतावनी – #INA

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Noida News :
नोएडा प्राधिकरण ने 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री को लेकर एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। यह फ्लैट्स सेक्टर 21 और सेक्टर 25 में जलवायु विहार सोसायटी में हैं और इनका आवंटन 1987 में एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड द्वारा नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए किया गया था। लेकिन 44 साल से अधिक का समय बीतने के बावजूद इन फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। 

एक माह का दिया गया समय 

नोएडा प्राधिकरण की ओर से जानकारी दी गई है कि यदि इस महीने के अंत तक इन फ्लैटों की रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती, तो आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी और फ्लैटों पर प्राधिकरण का कब्जा हो सकता है। इस प्रक्रिया के तहत फ्लैटों के मालिकों को 30 दिन का नोटिस दिया जाएगा, जिसमें उनसे रजिस्ट्री प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया जाएगा। 


1987 में हुआ था फ्लैटों का आवंटन 

गौरतलब है कि 26 सितंबर 1987 को नोएडा प्राधिकरण ने एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में सेक्टर-21 और 25 में जमीन आवंटित की थी। इसके बाद एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड ने 1980 से 1993 के बीच कुल 3696 फ्लैटों का आवंटन नौसेना और वायुसेना के कर्मचारियों के लिए किया। इनमें से 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी तक लंबित है। प्राधिकरण की ओर से 9 सितंबर 2024 को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक पत्र भेजा गया था और अब एक बार फिर फ्लैट मालिकों को नोटिस भेजे जाएंगे, जिसमें रजिस्ट्री नहीं कराने पर आवंटन रद्द करने की चेतावनी दी जाएगी। 

रजिस्ट्री शुल्क को लेकर था विवाद

फ्लैटों की रजिस्ट्री को लेकर एक लंबा कानूनी विवाद भी चला है। आवंटियों ने रजिस्ट्री शुल्क में छूट देने की मांग की थी, जिसे लेकर मामला अदालत में पहुंचा था। साल 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टांप शुल्क में छूट देने का आदेश दिया था, लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने इस फैसले को चुनौती दी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे छूट की उम्मीद खत्म हो गई। इसके बाद कई फ्लैटों का लेन-देन जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए किया गया था। 

रजिस्ट्री में देरी पर आर्थिक दंड 

नोएडा प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, रजिस्ट्री में देरी करने पर फ्लैट मालिकों पर पेनल्टी का शुल्क बढ़ता जा रहा है। 31 मार्च 2013 तक प्रत्येक फ्लैट पर 3,17,680 रुपये का विलंब शुल्क लगाया जा चुका था और इसके बाद से हर दिन 100 रुपये का अतिरिक्त विलंब शुल्क जुड़ता जा रहा है। अब प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यदि फ्लैट मालिक रजिस्ट्री प्रक्रिया को शीघ्र पूरा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और फ्लैटों का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि यदि किसी भी फ्लैट मालिक ने अपनी रजिस्ट्री प्रक्रिया में और देरी की, तो उन्हें और अधिक आर्थिक दंड का सामना करना पड़ सकता है। 

प्राधिकरण अपने कब्जे में लेगा फ्लैट 

नोएडा प्राधिकरण द्वारा अंतिम नोटिस जारी करने के बाद यदि आवंटियों ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी नहीं दिखाई, तो फ्लैटों का आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, फ्लैटों पर प्राधिकरण का कब्जा हो जाएगा। यह स्थिति न केवल उन अधिकारियों के लिए चिंता का विषय है जिनके फ्लैटों की रजिस्ट्री लंबित है, बल्कि यह पूरे नोएडा क्षेत्र में आवासीय परियोजनाओं और कानूनी दांव-पेंचों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। इस मामले में फ्लैट मालिकों को अपनी स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करना होगा, ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी और आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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