Noida – नामी बिल्डर विवेक कुमार जैन गिरफ्तार, यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ की मिलीभगत से हुआ था करोड़ों का स्कैम – INA NEWS
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Greater Noida News :
हाथरस में जमीन घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने बुधवार को हिमालय इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक विवेक कुमार जैन को गिरफ्तार किया। आरोपी को मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मामले की पुष्टि एडीजीसी महेंद्र सिंह ने की है।
क्या है घोटाले का इतिहास?
यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2011-12 में हाथरस में 42 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। इसके बदले किसानों को सात प्रतिशत विकसित भूखंड देने का प्रावधान था। इसके लिए प्राधिकरण को केवल पांच हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी, लेकिन वर्ष 2014 में अधिकारियों ने कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलीभगत कर मिधावली गांव में जरूरत से अधिक 14.4896 हेक्टेयर जमीन खरीद ली। यह भूमि पहले फेज के मास्टर प्लान से बाहर थी।
प्राधिकरण को 23.92 करोड़ रुपये का नुकसान
इस खरीद में 16.15 करोड़ रुपये खर्च किए गए। जिस पर 7.77 करोड़ रुपये का ब्याज भी देना पड़ा। कुल मिलाकर प्राधिकरण को 23.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि यह पूरी योजना साजिशन और संगठित तरीके से बनाई गई थी।
यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ समेत 29 पर एफआईआर
जमीन खरीदने के लिए आरोपियों ने पहले किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीदी और फिर उसे यमुना प्राधिकरण को कई गुना ऊंचे दामों पर बेच दिया। इस जमीन का उपयोग आज तक नहीं हुआ और न ही इस पर कोई योजना बनाई जा सकी। इस मामले में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों समेत 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। अब तक 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।
अब कई लोगों की गिरफ्तारी होगी
गिरफ्तार निदेशक विवेक कुमार जैन ने यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन ओएसडी वीपी सिंह के साले के साथ मिलकर हिमालय इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। जांच अधिकारी एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि विवेक की कंपनी के बैनर तले ही यह विवादित जमीन खरीदी गई थी। एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में कई और गिरफ्तारी हो सकती हैं। पुलिस ने बताया कि इस घोटाले में शामिल कंपनियां और अधिकारी मथुरा भूमि घोटाले में भी लिप्त रहे हैं।
एफआईआर में मुख्य आरोपियों के नाम
एफआईआर में दर्ज प्रमुख नामों में यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, एसीईओ सतीश कुमार, ओएसडी वीपी सिंह, प्रबंधक नियोजक बृजेश कुमार, तहसीलदार अजीत परेश, लेखपाल पंकज कुमार और कई अन्य अधिकारी के साथ कंपनियां शामिल हैं। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानबूझकर अपने जान-पहचान के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया में अनियमितताएं की थी। इन अधिकारियों ने किसानों से सस्ती दरों पर भूमि खरीदवाई और फिर उसे कई गुना महंगे दाम पर प्राधिकरण को बेच दिया।
नामी बिल्डर विवेक कुमार जैन गिरफ्तार, यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ की मिलीभगत से हुआ था करोड़ों का स्कैम
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