Noida – भिड़ रहे किसान और सरकार, सारे माननीय जी फरार – #INA

राजनीति में वोट बड़े मायने रखती है, लेकिन मतदान के दिन तक। किसी ने खूब लिखा है,
“तरक्की का नाम लेकर
बाते बड़ी बनाएंगे
एक वोट पाने की खातिर
पूरी जान लगाएंगे
बहकावे में आके हम भी
उन्हें वोट देने जाएंगे
जब सरकार उनकी बन जाएगी
तब ठोकर हम ही खाएंगे”
देश के नामचीन कार्टूनिस्ट रहे आरके लक्ष्मण साहब ने इन्हीं हालात पर एक कार्टून बनाया था, जो आजकल एनसीईआरटी की किताबों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। यह कार्टून आप यहां देख सकते हैं। इस कविता और कार्टून जैसे हालात आजकल गौतमबुद्ध नगर में हैं।
सरकार और किसान भिड़े हुए हैं। जिले की पुलिस किसानों को घसीटकर जेल भेज रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल रात ट्वीट करके साफ कर दिया कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सवाल यह है, ‘माननीय जी’ यानि सांसद और विधायक कहां हैं?
पहले गौतमबुद्ध नगर और भारतीय जनता पार्टी के रिश्ते समझिए। जिले में दो सांसद, तीन विधायक, दो एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के हैं। और तो और भाजपा संगठन में वेस्ट यूपी के अध्यक्ष भी गौतमबुद्ध नगर से हैं।
सबसे पहले बात करते हैं सबसे बड़े नेता तीन बार से सांसद डॉ महेश शर्मा की। उनकी जीत का मार्जन हमेशा बढ़ता गया। इस बार तो वह उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े अंतर से जीतने वाले सांसद हैं। वह कहां हैं? वह संसद में हैं। दिल्ली में धर्गुरूओं और साधु-संतों के सानिध्य में हैं। शादी समारोह में जा रहे हैं। कैलाश अस्पताल समूह को जनता से मिले आशीर्वाद पर धन्यवाद ज्ञापित करके चालीसवां स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं। इसके बाद जो वक्त बच रहा है, वह प्रधानमंत्री जी के ट्वीट रीट्वीट करने में बिता रहे हैं। सांसद जी को गौतमबुद्ध नगर की देवतुल्य जनता कितना प्यार करती है, वह यहां दिख रही तालिका में देख लें। जितने अंतर से वह चुनाव जीतते हैं, आधे से ज्यादा सांसद तो उतने वोट हासिल भी नहीं कर पाते हैं।
दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर। इस किसान आंदोलन का एपिसेंटर उनके इलाके में है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रेटर नोएडा और दादरी इलाके के किसानों को है। दूसरी बार विधायक हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनने के लिए लालायित हैं। अब जब इनके इलाके के किसान उबाल पर हैं तो विधायक जी कहां हैं?
विधायक जी अपना भविष्य सँवारने में मशगूल हैं। अपने बेटे को लखनऊ-दिल्ली ले जाकर पार्टी अध्यक्ष, डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करवा रहे हैं। जब किसान सड़क पर थे और लाठियां खा रहे थे, तब तेजपाल नागर अपने बेटे को विधानसभा घुमा रहे थे। ताकि अगले चुनाव के बाद बेटे को विधानसभा भेजें तो वह रास्ता ना भटक जाए। जनता ने इन्हें भी खूब प्यार दिया। पिछले दोनों चुनाव में इनके सामने वाले उम्मीदवारों की जमानत जब्त करवा दी थीं।
जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह। दो बार से भाजपा के विधायक हैं। उनकी छवि किसान नेता की है। भट्टा परसौल के किसान आंदोलन ने बड़ा नेता बनाया। उनके इलाके के ही नहीं, जिलेभर के किसान उन पर भरोसा करते हैं। जहां किसानों ने भूमि अधिग्रहण के लिए गोली खाना मुनासिब समझा, वहां के किसान धीरेंद्र सिंह के कहने पर जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए अपनी जमीनों के दस्तावेज मुख्यमंत्री को सौंप आए थे। धीरेन्द्र सिंह का इलाका इस आंदोलन में आंशिक रूप से प्रभावित है। किसानों के लिए दिल्ली की सड़कों पर लाठी खाने वाले धीरेन्द्र सिंह अब चुप हैं। दिल्ली में उपराष्ट्रपति से मिल रहे हैं। अपने इलाके में विदेशी कंपनियों की नींव रख रहे हैं।
यूपी से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर भी गौतमबुद्ध नगर के कोटे में हैं। किसान अपनी मांगों के लिए साल 2011 के जिस फैसले का हवाला दे रहे हैं, किसानों से वह फैसला करने वाली सरकारी समिति में सुरेंद्र सिंह नागर भी शमिल थे। हालांकि, उनके पास बचाव का रास्ता है। वह चुने हुए सांसद नहीं हैं। लेकिन वह गौतमबुद्ध नागर के सांसद रह चुके हैं। उन्हें भी देवतुल्य जनता से खूब प्यार मिला है।
भाजपा के दो विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा और नरेंद्र सिंह भाटी हैं। दोनों दादरी के रहने वाले हैं। जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, उनसे पुराने रिश्ते हैं। दोस्ती और रिश्तेदारी हैं। हालांकि, श्रीचंद शर्मा शिक्षक एमएलसी हैं और नरेंद्र भाटी स्थानीय निकाय से हैं।
यह तीनों लोग कह सकते हैं, वे गौतमबुद्ध नगर के मामलों में सीधा दखल कैसे दें, जब चुने गए सांसद और विधायक मौन हैं। जब गौतमबुद्ध नगर में सीएम और पीएम आते हैं तो ये लोग मंचासीन होने के लिए और यहां की पब्लिक को अपना रुबाब दिखाने प्रथम पक्ति में होते हैं। तो कुछ तो फर्ज आपका भी बनता होगा।
गौतमबुद्ध नगर जब से बना है, पहली मर्तबा जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का है। शायद अमित चौधरी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे हैं। उनके लिए इतना ही काफी है।
भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष पद से सतेंद्र सिसोदिया को नवाजा है। वह दादरी इलाके के निवासी हैं। गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष रहे हैं। उनके कार्यकाल और विपक्षी पार्टियों की सरकार के दौरान गौतमबुद्ध नगर में किसान आन्दोलन हुए थे। सिसोदिया जी को पूर्ण जानकारी है। भाजपा की नीति-रीति के मुताबिक, संगठन सबसे बड़ा है। इन सारे सांसदों और विधायकों के मुकाबले क्षेत्रीय अध्यक्ष का प्रोटोकॉल बड़ा है। सिसोदिया जी के बारे में आम बात है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने बेख़ौफ़ अपनी बात रख सकते हैं। सतेंद्र सिसोदिया भी पूरे परिदृश्य से गायब हैं। वैसे भी उनके पास 19 जिलों और महनगरों की जिम्मेदारी है।
आप यह मत सोचना कि नोएडा के विधायक पंकज सिंह को भूल गए हैं। वह पारिवारिक समस्या में घिरे हैं। उनके परिवार के एक सदस्य का विदेश में गंभीर बीमारी का उपचार चल रहा है।
तो कुल मिलाकर साफ है,
भिड़ रहे किसान और सरकार
सारे माननीय जी फरार
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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