Noida – नोएडा के किसानों का आंदोलन तेज, यमुना एक्सप्रेसवे पर पंचायत का ऐलान, राकेश टिकैत आएंगे – #INA
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Greater Noida News :
गौतमबुद्ध नगर के किसानों के मुआवजा, आबादी भूखंड और रोजगार की मांगों को लेकर चल रहा आंदोलन अब ज्यादा तेज होता जा रहा है। मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों पर कार्रवाई करते हुए कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया और बाकी को वहां से हटा दिया। इस कार्रवाई के बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) ने आंदोलन को और व्यापक रूप देने का निर्णय लिया है।
राकेश टिकैत का ऐलान, जीरो पॉइंट पर पंचायत
गिरफ्तारी की खबर मिलते ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीडियो संदेश जारी कर सरकार और प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीकेयू अब नोएडा के किसानों के आंदोलन को अपने हाथों में लेगा। इसके बाद मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की अध्यक्षता में आपातकालीन बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि बुधवार सुबह राकेश टिकैत यमुना एक्सप्रेसवे के ज़ीरो पॉइंट पर किसान पंचायत करेंगे। इस पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसान हिस्सा लेंगे और आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी।
किसानों की मांग
- 10 प्रतिशत आबादी भूखंड : किसानों की जमीन जिन प्राधिकरणों ने अधिग्रहित की है, वहां से उन्हें यह लाभ दिया जाए।
- अतिरिक्त मुआवजा : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत पतवारी गांव के किसानों को दिया गया 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा अन्य प्रभावित किसानों को भी मिले।
- रोजगार : किसान परिवारों के युवाओं को नोएडा और ग्रेटर नोएडा की औद्योगिक इकाइयों में नौकरी दी जाए।
- भूमिहीनों के लिए आवासीय भूखंड : अधिग्रहण से प्रभावित भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूखंड दिए जाएं।
किसानों ने कई बार प्रदर्शन
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पहले भी कई बार प्रदर्शन किया है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था। जिसने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थीं। हालांकि, किसान इन सिफारिशों को अधूरी बताते हुए खारिज कर चुके हैं।
पुलिस और किसानों के बीच तनाव
सोमवार को किसानों ने संसद कूच का प्रयास किया था, लेकिन महामाया फ्लाईओवर के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच तीखी बहस और नोकझोंक हुई। बाद में समझौता हुआ कि आंदोलन को 7 दिनों के लिए स्थगित किया जाएगा और इस दौरान सरकार किसानों की मांगों पर विचार करेगी, लेकिन मंगलवार सुबह पुलिस द्वारा दलित प्रेरणा स्थल से किसानों को हटाने और गिरफ्तारियों ने स्थिति को और जटिल बना दिया। किसानों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती कर रही है और उनके आंदोलन को कुचलने की कोशिश हो रही है।
किसानों का कड़ा रुख
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 8 दिसंबर को फिर से संसद कूच किया जाएगा। बीकेयू के समर्थन के बाद अब यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। बुधवार को होने वाली पंचायत पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इससे आंदोलन की दिशा और दशा का फैसला होगा।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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