Noida – जानिए दिल्ली के IGI और मुंबई के CSMIA से कितना अलग – #INA

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Greater Noida News :
नोएडा का जेवर एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) NIA, जो उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहा है, दिल्ली के IGI (इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट) और मुंबई के CSMIA (छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट) से कई मायनों में अलग है। इन प्रमुख एयरपोर्ट्स से तुलना करने पर, जेवर एयरपोर्ट की अपनी विशेषताएं और फायदे हैं। आइए, इन प्रमुख एयरपोर्ट्स की तुलना करते हैं : 


स्थान और कनेक्टिविटी : 

  • IGI एयरपोर्ट दिल्ली शहर के केंद्र से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित है और यह भारत का सबसे व्यस्त और बड़ा एयरपोर्ट है। दिल्ली एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भारतीय रेलवे, मेट्रो और सड़कों से उत्कृष्ट है। 
  • CSMIA मुंबई के सब-अर्बन क्षेत्र में स्थित है और यह मुंबई के साथ-साथ पश्चिमी भारत के प्रमुख हवाई अड्डों में से एक है। यहां पर भी मेट्रो, सड़क, और रेल कनेक्टिविटी उत्कृष्ट है।
  • NIA नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में स्थित है, जो दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा है। यह दिल्ली से लगभग 70 किलोमीटर दूर है और इसका मुख्य उद्देश्य दिल्ली के यात्रियों के लिए अतिरिक्त उड़ान क्षमता प्रदान करना है। एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेसवे और आगामी मेट्रो नेटवर्क द्वारा बेहतर की जाएगी। 

आधिकारिक क्षमता और आकार : 

  • IGI एयरपोर्ट की कुल वार्षिक क्षमता लगभग 70 मिलियन यात्री प्रति वर्ष (MPPA) है, और इसमें तीन टर्मिनल हैं, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बड़ी संख्या को संभाल सकते हैं। 
  • CSMIA की वर्तमान क्षमता लगभग 50 मिलियन यात्री प्रति वर्ष है, और यह विस्तार के माध्यम से अपनी क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रहा है। 
  • NIA का पहला चरण लगभग 12 मिलियन यात्री प्रति वर्ष की क्षमता से शुरू होगा, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 80 मिलियन तक किया जाएगा। पूरे एयरपोर्ट का विस्तार भविष्य में 12,000 एकड़ क्षेत्र में होगा, जिससे इसकी यात्री क्षमता काफी बढ़ेगी। 

रनवे और विमान संचालन क्षमता : 

  • IGI एयरपोर्ट में वर्तमान में 3 रनवे हैं, जो भारी विमान यातायात को संभाल सकते हैं। 
  • CSMIA में 2 रनवे हैं, और यह एयरपोर्ट भी उच्च यातायात को संभालने में सक्षम है। 
  • NIA में पहले चरण में 3,600 मीटर लंबा रनवे होगा, जो बड़े विमानों को टेकऑफ और लैंडिंग करने की क्षमता प्रदान करेगा। भविष्य में इसे और रनवे जोड़कर विस्तार किया जाएगा। 

पर्यावरणीय पहल और हरित पहल :

  • IGI एयरपोर्ट पहले से ही सौर ऊर्जा और ग्रीन बिल्डिंग जैसी पर्यावरणीय पहलों पर काम कर रहा है और यह ग्रीन एयरपोर्ट की दिशा में अग्रसर है।
  • CSMIA भी ग्रीन एयरपोर्ट के रूप में कई पहल कर रहा है, जिसमें सौर ऊर्जा और कचरा प्रबंधन जैसी पहल का समावेश है।
  • NIA एशिया का सबे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है। NIA को पूरी तरह से हरित और पर्यावरण अनुकूल बनाने का लक्ष्य है। इसमें सौर ऊर्जा, जल पुनर्चक्रण और कचरा प्रबंधन जैसी पहलें शामिल होंगी, जिससे यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बहुत अधिक जिम्मेदार एयरपोर्ट बनेगा।

सुविधाएं और सेवाएं : 

  • IGI एयरपोर्ट में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं जैसे कि वर्ल्ड क्लास टर्मिनल, शॉपिंग, डाइनिंग, वाई-फाई, VIP लॉन्ज, और अन्य सुविधाएं हैं।
  • CSMIA भी अत्याधुनिक सुविधाओं और उच्चतम स्तर की यात्री सेवाओं के लिए जाना जाता है। यहां वर्ल्ड क्लास डाइनिंग, शॉपिंग, और अन्य मनोरंजन विकल्प उपलब्ध हैं।
  • NIA को यात्रियों के लिए उच्चतम मानक की सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें भी प्रशासनिक सेवाएं, वर्ल्ड क्लास टर्मिनल, आरामदायक लॉन्ज और शॉपिंग सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 

भविष्य का विस्तार : 

  • IGI और CSMIA दोनों एयरपोर्ट पहले ही विस्तार की प्रक्रियाओं में हैं और अपने भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए टर्मिनल और रनवे जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
  • NIA का डिजाइन और इंफ्रास्ट्रक्चर भविष्य में तेजी से बढ़ती यात्री संख्या और विस्तार के लिए तैयार किया गया है। इसमें वर्तमान में 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता है, लेकिन भविष्य में इसे 80 मिलियन यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है।

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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