Noida – एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव सहित कई विभाग को नोटिस जारी कर मांगा जवाब – #INA
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Noida News :
हिंडन नदी के प्रदूषण के कारणों का जिक्र को लेकर मीडिया रिपोर्ट का स्वमं संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हिंडन नदी के प्रदूषण पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। इस मामले में एनजीटी ने 19 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा है। एनजीटी ने औद्योगिक अपशिष्टों और अपर्याप्त सीवेज उपचार सुविधाओं को प्रदूषण के प्रमुख कारणों के रूप में बताया है।
नदी की जल गुणवत्ता हा रही बुरी तरह प्रभावित
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 27 नवंबर को आदेश दिया कि हिंडन नदी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और संबंधित पर्यावरणीय एजेंसियों को जवाब देना होगा। हिंडन नदी सहारनपुर में शिवालिक पहाड़ियों से निकलती है और सात जिलों से होकर बहती है। इस नदी में प्रतिदिन 357 उद्योगों से 72,170 किलोलीटर औद्योगिक अपशिष्ट और 94.3 करोड़ लीटर घरेलू सीवेज का मिश्रण हो रहा है। जिससे इसकी जल गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
राज्य और केंद्रीय पर्यावरण एजेंसियों को जारी किया आदेश
एनजीटी ने नदी में हो रहे प्रदूषण की गंभीरता को गंभीर रूप से लिया है। इसके जल गुणवत्ता मीट्रिक में निरंतर गिरावट को प्रदूषण की गंभीर स्थिति के रूप में पहचाना है। एक रिपोर्ट के अनुसार 22 करोड़ लीटर पानी अनुपचारित रह जाता है, जिससे प्रदूषण और बढ़ता है। एनजीटी ने इसे जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन बताया है। एनजीटी ने इस मुद्दे को लेकर राज्य और केंद्रीय पर्यावरण एजेंसियों को आदेश जारी किया है, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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