Noida – महिलाओं ने कहा- पुलिस वाले भी हमारे बेटे, लेकिन क्यों किया धोखे से गिरफ्तार? – #INA
Noida News :
गौतमबुद्ध नगर में किसान आंदोलन ने विकराल रूप ले लिया है। किसान अपनी मांगों और मुद्दों को लेकर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित दलित प्रेरणास्थल में बैठे हुए थे। तभी मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे काफी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंची और दलित प्रेरणास्थल का गेट बंद कर दिया। थोड़ी देर किसानों से बातचीत करके उन्हें जबरदस्ती उठाकर ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित लुक्सर जेल ले गए। उसके बाद किसानों का आक्रोश विकराल हो गया।
सिस्टम के खिलाफ लामबंद हुए किसान
किसान आंदोलन की कुछ वीडियो सोशल मीडिया के जरिए वायरल हो रही है। जिसमें एक महिला यह कहती हुई सुनाई दे रही है कि पुलिस वाले भी हमारे बेटा है। जबकि दूसरी महिला कह यह तक रही है कि उनके साथ पुलिस और अधिकारियों ने धोखा किया है। मामला इस समय काफी गर्म हो चुका है। सिस्टम और पुलिस की खिलाफ अब किसान लामबंद हो गए हैं। किसानों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से अपने इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन जबरदस्ती उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
गिरफ्तारी में पुलिस के दो अलग-अलग बयान आए
इस पूरे मामले में पुलिस के भी दो बयान सामने आए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 100 किसानों को हिरासत में लिया गया है। जबकि ईकोटेक वन थाना प्रभारी ने कहा है कि 123 लोगों को गिरफ्तार करके लुक्सर जेल में भेजा गया है। अब किसान गिरफ्तारी के बाद ज्यादा आकर्षित हो गए हैं। इसी वजह से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज (बुधवार) को ग्रेटर नोएडा आ रहे हैं। वह यहां पर जीरो पॉइंट पर पंचायत करेंगे। पंचायत के दौरान जो निर्णय लिया जाएगा, उसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
राकेश टिकैत ने वीडियो जारी किया
इसको लेकर राकेश टिकैत ने एक वीडियो जारी करवाया है। जिसमें वह बोल रहे हैं कि अब ग्रेटर नोएडा की जीरो पॉइंट पर महापंचायत होगी। वहां पर सभी किसान इकट्ठा होंगे। पंचायत के दौरान अंतिम निर्णय लिया जाएगा। या तो सरकार को किसानों को रिहा करना होगा या फिर हम भी जेल जाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई।
यह हैं किसानों की मांगे
10 प्रतिशत आबादी भूखंड : किसानों की जमीन जिन प्राधिकरणों ने अधिग्रहित की है, वहां से उन्हें यह लाभ दिया जाए।
अतिरिक्त मुआवजा : इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत पतवारी गांव के किसानों को दिया गया 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा अन्य प्रभावित किसानों को भी मिले।
रोजगार : किसान परिवारों के युवाओं को नोएडा और ग्रेटर नोएडा की औद्योगिक इकाइयों में नौकरी दी जाए।
भूमिहीनों के लिए आवासीय भूखंड : अधिग्रहण से प्रभावित भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूखंड दिए जाएं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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